देव दीपावली पर 11 हजार दीपों की रोशनी से जगमग हुई धर्मनगरी

उत्तराखंड। भगवान विष्णु को समर्पित मास कार्तिक पूर्णिमा एवं देव दीपावली के अवसर पर हरकी पैड़ी और आस-पास के घाट की सीढ़ियां 11000 दीपों की रोशनी से जगमगा उठीं। गंगा पूजन के बाद निर्मल गंगा की लहरों के बीच इठलाते-बहते दीप अलौकिक छटा बिखेर रहे थे। हजारों लोग अद्भुत नजारे का गवाह बने। देव दीपावली के अवसर श्री गंगा सभा ओर से बृहस्पतिवार की देर शाम को हरकी पैड़ी पर आयोजित इस अद्भुत नजारे को आंखों में समा लेने के लिए सैकड़ों लोग घाट पर जमा हुए। गंगा की आरती की गई। ऐसा माना जाता है कि देव दीपावली पर देवलोक धरती पर उतर आता है। समस्त देवता एक साथ मिलकर देवाधिदेव भगवान शिव की महाआरती करते हैं। देव दीपावली पर हरकी पैड़ी पर देवताओं की विशेष पूजा हुई। बड़ी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे। कार्तिक पूर्णिमा पर 11 हजार दीयों से भव्य रूप से सजाया गया था। संध्याकालीन आरती के बाद कार्यक्रम शुरू हुआ। 11 हजार दीपक जलाने से पहले एक बार फिर छोटा दीपक जलाकर पूजा-अर्चना की गई और इसके बाद सभी दीपकों को जलाया गया। श्री गंगा सभा में महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने बताया कि भगवान शिव व मां गंगा से सभी की सुख समृद्धि की प्रार्थना की गई।मुख्य अतिथि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी (निरंजनी) ने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा यानी कि देव दीपावली का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। मान्यता है कि यदि अपनी इच्छानुसार इस दिन स्थान विशेष पर दीपक जलाया जाए तो सभी देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और इच्छानुसार फल की प्राप्ति भी होती है। इस दौरान अध्यक्ष प्रदीप झा, सभापति कृष्ण कुमार शर्मा, स्वागत मंत्री सिद्धार्थ चक्रपाणि, कोषाध्यक्ष यतींद्र सिखौला, घाट व्यवस्था सचिव वीरेंद्र कौशिक, आशीष मारवाड़ी, शैलेंद्र मोहन, देवेंद्र कौशिक, आयुष शर्मा, प्रणव कुमार, नीरज उपाध्याय, राजीव तुंबड़िया अनिभव कीर्तीपाल आदि मौजूद रहे। मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी (निरंजनी) का स्वागत किया गया। श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि भगवान शिव ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन तारकासुर के तीनों पुत्रों यानी त्रिपुरासुर का वध किया।उस दिन देवताओं ने काशी नगर में गंगा के किनारे दीप प्रज्वलित कर देव दिवाली मनाई। तब से ही देव दिवाली मनाई जाती है। उन्होंने कहा कि अब अगले वर्ष से उज्जैन, नासिक और पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी की सभी शाखाओं में देव दिवाली धूमधाम से मनाई जाएगी।

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