नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमण ने कहा कि सरकार को डायबिटीज मरीजों के लिए सहायता व सब्सिडी देनी चाहिए। जीवन भर बनी रहने वाली इस बीमारी में अथाह पैसा खर्च होता है। यह बीमारी महंगी और गरीब की दुश्मन है। उन्होंने भारतीयों पर केंद्रित डायबिटीज अध्ययनों की भी जरूरत बताई। डायबिटीज को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने चिकित्सकों व स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को भी विशेष प्रशिक्षण देने की जरूरत बताई। चीफ जस्टिस ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने इस बीमारी से हो रहे नुकसान को हमारे सामने ज्यादा साफ ढंग रखा है। जब भारत में कोविड-19 टीका तैयार होने की सूचना उन्हें मिली तो वह खुशी का क्षण था। लेकिन वे चाहते हैं कि डायबिटीज का भी इलाज तलाशा जाए। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम अब तक मानक ब्लड शुगर लेवल भी तय नहीं कर पा रहे हैं। दुनिया भर में अलग अलग मानक होने से डायबिटीज को लेकर कई गलतफहमियां बढ़ी हैं। कम से कम भारतीयों को लेकर व्यापक शोध और मानक तय करने के लिए वैज्ञानिकों और चिकित्सकों को काम करना चाहिए। साथ ही निशुक्ल जांच सेवाएं भी देनी चाहिए।