नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि संविधान में सरकार द्वारा अजा-जजा वर्ग की शिक्षा व आर्थिक हितों के विकास के प्रावधान किए गए हैं, लेकिन देश व समाज को इस वर्ग के लिए अभी भी बहुत कुछ करना है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि समाज के वंचित तबके के कई लोगों को अब भी अपने अधिकारों व सरकार की कल्याण योजनाओं की जानकारी नहीं है। पांचवें अंतर्राष्ट्रीय आंबेडकर सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यह बात कही। अजा-जजा विधायकों व सांसदों के फोरम व डॉ. आंबेडकर चेंबर आफ कॉमर्स ने दिल्ली में यह सम्मेलन आयोजित किया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि इस फोरम की जिम्मेदारी है कि वह वंचित लोगों को अपने अधिकारों व सरकार की योजनाओं के बारे में जागरूक करे। संगठन की यह भी जिम्मेदारी है कि वह विकास यात्रा में पीछे छूट गए अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों को आगे लाए। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि हमारे संविधान में कई प्रावधान किए गए हैं, जिनसे अजा-जजा वर्ग के हितों की रक्षा हो सकती है। अनुच्छेद 46 राज्यों को निर्देशित करता है कि अजा-जजा वर्ग के लोगों के आर्थिक व शैक्षणिक हितों का विशेष सावधानी के साथ विकास किया जाना चाहिए। इसमें यह भी कहा गया है कि सरकार इस वर्ग को सामाजिक अन्याय व हर तरह के शोषण से बचाए। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर समाज की नैतिक चेतना को जगाने के पक्ष में थे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि वह कहते थे कि अधिकारों की रक्षा केवल कानूनों से नहीं की जा सकती, बल्कि समाज में नैतिक और सामाजिक चेतना का होना भी जरूरी है। राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी बयान में कोविंद के हवाले से यह बातें कही गई हैं।