ढोल नगाड़ों के साथ निकाली गई बाबा सिद्धबली की शोभायात्रा

उत्तराखंड। वैदिक मंत्रोचार के बीच पिंडी और हनुमानजी के महाभिषेक के साथ कोटद्वार का प्रसिद्ध श्री सिद्धबली बाबा महोत्सव का शुभारंभ हुआ। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने महाभिषेक में शामिल होकर श्री सिद्धबली बाबा से सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। वहीं भव्य शोभायात्रा भी निकाली गई। शुक्रवार की सुबह करीब छह बजे ज्योतिषाचार्य देवी प्रसाद भट्ट के सानिध्य में 15 वेदपाठियों के वैदिक मंत्रोचार के बीच मंदिर के महंत दिलीप रावत ने खोह नदी में गंगा पूजन किया। इसके बाद 11 कन्याएं और 11 सुहागिनें गढ़वाल के पारंपरिक ढोल, दमाऊं और मशकबीन की धुन के साथ खोह नदी से जल लेकर मंदिर पहुंची। मंदिर में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए पिंडी पूजन और हनुमानजी की मूर्ति का महाभिषेक किया गया। हवन स्थल पर महंत दिलीप रावत ने सिद्धबली बाबा के पूजन के साथ कलश की स्थापना की। बतौर मुख्य यजमान पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी और मेयर हेमलता नेेगी और मंदिर समिति के अध्यक्ष कुंज बिहारी देवरानी ने सिद्धबली बाबा के पूजन के साथ एकादश कुंडीय यज्ञ में पूर्णाहुति दी। श्रद्धालुओं ने भी हवन कुंड में आहुति डालकर मन्नतें मांगीं। इसके बाद बड़ी संख्या में मंदिर समिति के सदस्यों और श्रद्धालुओं ने ढोल, दमाऊं, मशकबीन की धुन पर बाबा के झंडे और त्रिशूल के साथ सिद्धबली बाबा के जयकारे लगाते हुए मंदिर की परिक्रमा की। उन्होंने पुराना सिद्धबली मंदिर जाकर पूजन किया और वहां बाबा के झंडे की स्थापना की। महोत्सव के पहले दिन बैंड बाजों, ढोल नगाड़ों और आकर्षक झांकियों के साथ श्रीसिद्धबली बाबा की भव्य शोभायात्रा धूमधाम से निकाली गई। शोभायात्रा देखने के लिए शहर में भीड़ उमड़ी रही। श्रद्धालुओं ने बाबा की झांकी के दर्शनकर प्रसाद ग्रहण किया। शोभायात्रा का नगर निगम की मेयर हेमलता नेगी ने गिवईंस्रोत पुल के पास शुभारंभ किया। उन्होंने लोगों से कोरोना नियमों का पालन करते हुए महोत्सव में शामिल होने की अपील की। इसके बाद सबसे पहले गढ़वाल की परंपरागत सिराई नृत्य की झांकी निकाली गई। उसके बाद यमुना नगर की अधोरी झांकी, बिलारी मुरादाबाद की केरल की झांकी, रुड़की की हनुमान झांकी, बैजोई का काली का अखाड़ा, राधा कृष्ण की झांकी, पांच काली की झांकी, श्याम मित्र समिति की खाटू श्याम की झांकी, मंसार लोक कला समिति की गढ़वाली लोक संस्कृति पर आधारित झांकी, जगदंबा कीर्तन मंडली की कण्वाश्रम पर आधारित झांकी और नजीबाबाद के कलाकारों की ओर से निर्मित श्रीराम मंदिर अयोध्या की झांकी आकर्षक का केंद्र रहीं।

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