शिमला-मटौर फोरलेन को धरातल पर उतारने का एनएचएआई ने प्रयास किया तेज

हिमाचल प्रदेश। शिमला-मटौर फोरलेन के पैकेज 5 बी के टेंडर के बाद एनएचएआई ने फोरलेन को धरातल पर उतारने के प्रयास तेज कर दिए हैं। रानीताल से हमीरपुर के सिल्वान तक इसी महीने टेंडर काल किए जाएंगे। 37 किलोमीटर लंबे इस राजमार्ग को अगर डबललेन किया जाता है तो इस पर लगभग 1100 करोड़ की लागत आने का अनुमान है। इस मार्ग को फोरलेन बनाने की संभावना कम है। अगर इसे फोरलेन बनाया जाता है तो इसकी लागत बढ़ेगी। सूत्रों का कहना है कि इस मार्ग को डबललेन ही बनाया जाएगा। हमीरपुर के सिल्वान से मट्टनसिद्ध के 18 किलोमीटर लंबे बाईपास की अलग से डीपीआर बनेगी। इस राजमार्ग को फोरलेन या डबललेन करने की आधिकारिक घोषणा अभी एनएचएआई ने नहीं की है। इसकी फोरलेन की डीपीआर 2019 में दिल्ली हेडर्क्वाटर भेजी गई थी। अब डबललेन की डीपीआर भी भेजी जा चुकी है। जानकारी के मुताबिक एनएचएआई इसे डबललेन करने की तैयारी में है। हालांकि अभी इस बारे में दिल्ली हेडक्वार्टर से कोई फैसला नहीं हुआ है। अगर इस राजमार्ग को डबललेन किया जाता है तो इसके लिए 25 से 30 मीटर का क्षेत्र अधिकृत किया जाएगा। उधर, शिमला-धर्मशाला फोरलेन के परियोजना निदेशक विक्रम मीणा ने बताया कि इस राजमार्ग का टेंडर दिल्ली मुख्यालय से इसी माह आमंत्रित किया जाएगा। राजमार्ग को डबललेन या फोरलेन करने का कोई भी आदेश अभी नहीं पहुंचा है। इसकी डबललेन, फोरलेन की डीपीआर दोनों भेज दी हैं। फैसला दिल्ली एनएचएआई हेडर्क्वाटर को करना है। अगर रानीताल से हमीरपुर डबललेन होता है तो इस पर 1100 करोड़ की लागत आने का अनुमान है। फोरलेन बनने की स्थिति में लागत बढ़ेगी।

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