नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ ही नहीं, उनके दोनों उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा सहित अधिकतर बड़े चेहरे विधानसभा चुनाव में उतरेंगे। प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव भी मैदान में उतरें लेकिन उनकी व्यस्तता को देखते हुए ऐसा ज्यादा उचित नहीं समझा जा रहा। योगी जहां अयोध्या से ताल ठोककर आसपास की लगभग तीन-चार दर्जन सीटों को प्रभावित करने की कोशिश करेंगे, वहीं केशव कौशांबी की सिराथू और शर्मा लखनऊ की किसी सीट से दावेदारी ठोकेंगे। माना जा रहा है कि कुछ सांसदों को भी मैदान में उतारा जा सकता है। बताते हैं कि मकर संक्राति के साथ ही उम्मीदवारों के नामों की घोषणा शुरू हो जाएगी। योगी और मौर्य दोनों वर्तमान में विधान परिषद के सदस्य हैं।
उत्तर प्रदेश की लगभग साढ़े तीन दशक की परंपरा तोड़ते हुए लगातार दूसरी बार सत्ता में आने की कोशिश में जुटी भाजपा मुद्दों और चेहरों का ऐसा सामंजस्य बिठाना चाहती है जो बड़े क्षेत्र को विश्वसनीय ढंग से प्रभावित कर सके। वैसे इस पूरी रणनीति का दूसरा पहलू यह भी है कि इससे सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर भी चुनाव लड़ने का दबाव बनेगा। पिछले तीन दिनों से दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व के साथ इन सभी पहलुओं पर चर्चा हुई और माना जा रहा है कि एक-दो दिनों में पहले दो चरणों के लगभग 94 उम्मीदवारों की सूची घोषित हो सकती है। कुछ नाम रोके गए हैं और उन पर निर्णय लेने का अधिकार राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को दिया गया है।
पीएम मोदी की मौजूदगी में हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, सीएम योगी आदित्यनाथ, केशव प्रसाद मौर्य, दिनेश शर्मा, प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह, चुनाव प्रभारी धर्मेद्र प्रधान, अनुराग ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव, केंद्रीय चुनाव समिति सदस्य शाहनवाज हुसैन सहित कुछ अन्य नेता मौजूद थे। पीएम मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बैठक में आनलाइन हिस्सा लिया।