नई दिल्ली। भारत के मेक इन इंडिया अभियान और रक्षा क्षमता निर्माण कौशल को एक बड़ा बढ़ावा मिला है। फिलीपींस ने भारतीय ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के 374.9 मिलियन अमरीकी डालर के प्रस्ताव को अपनी नौसेना के लिए शोर-बेस्ड एंटी-शिप मिसाइल सिस्टम अधिग्रहण परियोजना की आपूर्ति के लिए स्वीकार कर लिया है। जल्द ही दोनों देशों के बीच इस समझौते पर हस्ताक्षर होंगे। गौरतलब है कि ब्रह्मोस मिसाइल के लिए यह पहला विदेशी आर्डर भी है। इस खरीद के अनुबंध के लिए दिए गए नोटिस में ब्रह्मोस एयरोस्पेस से 10 दिनों के अंदर जवाब मांगा गया है।
ब्रह्मोस के विकास के लिए भारत और रूस के बीच एक साझेदारी है, दोनों सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल सिस्टम के उत्पादन में माहिर है। ब्रह्मोस एक शक्तिशाली आक्रामक मिसाइल हथियार प्रणाली है जिसका उपयोग पहले से ही भारतीय नौसेना, भारतीय वायु सेना के साथ-साथ भारतीय सेना द्वारा भी किया जाता है। फिलीपींस का चीन के साथ साउथ चाइना सी में अधिकारक्षेत्र को लेकर विवाद चल रहा है। फिलीपीन्स के दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक मिसाइल लेने के फैसले से उसकी सेना की ताकत अब काफी बढ़ जाएगी। इस मिसाइल के जरिए फिलीपींस चीन को आंख दिखाते हुए अपने तटीय इलाकों की रक्षा कर सकेगा।