क्रेडिट कार्ड की लिमिट को ना करें पूरा इस्तेमाल: सीईओ

नई दिल्ली। ऑप्टिमा मनी मैनेजर प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ पंकज मठपाल ने बताया कि क्रेडिट कार्ड में होता क्या है। आजकल कई को-ब्रॉन्डेड कार्ड होते हैं। ट्रैवल कार्ड अलग होता है, पैट्रोल कार्ड अलग होता है, शॉपिंग कार्ड अलग है। इनमें रिवॉर्ड पॉइंट्स होते हैं। इस चक्कर में कई बार लोग कई कार्ड्स रखना पसंद करते हैं, लेकिन कई बार बहुत सारे कार्ड होने से उन्हें मैनेज करना मुश्किल होता है। इसीलिए ज्यादा कार्ड रखने से बचें। आप दो-तीन कार्ड रख सकते हैं लेकिन बहुत ज्यादा कार्ड नहीं। उन्होंने बताया कि समय पर अगर भुगतान नहीं कर पाए तो लेट पेमेंट चार्ज लगने के साथ साथ ही आउटस्टैंडिंग पर ब्याज भी लगता है जो 50% सालाना तक हो सकता है।

इससे बचने के लिए आप समय पर भुगतान करें। मिनिमम आउटस्टैंडिंग को जरूर समय पर क्लियर कर दें। आप अपने कार्ड को बैंक अकाउंट से लिंक कर सकते हैं ताकि समय पर खुद आपका भुगतान हो जाए। लेट पेमेंट चार्जर और आउटस्टैंडिंग पर लगने वाले ब्याज से बचा जा सकता है। इसके अलावा देर से भुगतान करने से सिबिल स्कोर भी खराब होता है तो समय पर भुगतान करके इस से भी बचा जा सकता है। मठपाल ने बताया कि क्रेडिट कार्ड की लिमिट को कभी भी पूरा इस्तेमाल ना करें। इससे आपका क्रेडिट स्कोर खराब होता है।

अगर आपके पास एक-एक लाख रुपये की क्रेडिट लिमिट वाले 3 कार्ड हैं तो आप किसी भी एक कार्ड की पूरी लिमिट को खर्च न करें, तीनों का इस्तेमाल करें। क्रेडिट लिमिट का स्मॉल परसेंटेज इस्तेमाल करें, यह अच्छा रहेगा। मठपाल ने कहा कि क्रेडिट कार्ड से कभी भी कैश न निकाले क्योंकि उसके ऊपर क्रेडिट पीरियड नहीं मिलता है। इस पर जो भी आपके कार्ड पर ब्याज दर लगती है, वह पैसा निकलने के दिन से ही शुरू हो जाएगी। इसके ऊपर अलग से भी चार्ज होता है। इसीलिए जहां तक हो सके कैश कभी न निकालें।

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