हिमाचल प्रदेश। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के बायला गांव में उगाई जाने वाली बायला ब्राउन बासमती अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खुशबू बिखेरेगी। रियासत काल की औषधीय गुणों से भरपूर बायला प्रजाति फिलहाल विलुप्त होने की कगार पर है।
रसोई की शान रही बायला ब्राउन बासमती को वर्तमान में प्रोत्साहन न मिलने से ग्रामीणों ने इसकी पैदावार बंद कर दी थी। कुछ ही किसान इसकी खेती कर रहे हैं। वैज्ञानिकों ने परीक्षण कार्य भी आरंभ कर दिया है। ब्राउन राइस में प्रोटीन, मैग्नीशियम, पोटैशियम और फास्फोरस जैसे मिनरल पर्याप्त मात्रा में मौजूद होते हैं।
अभी 50 हेक्टेयर भूमि पर एक सीजन में करीब 1500 क्विंटल बासमती की पैदावार अनुमानित है।ब्राउन राइस किसी भी गंभीर बीमारी का संपूर्ण इलाज नहीं है। मधुमेह के लिए ब्राउन राइस के फायदेमंद है।
इसमें फाइबर, प्रोटीन, फाइटोकेमिकल्स और मिनरल्स की अच्छी मात्रा पाई जाती है। व्हाइट राइस की तुलना में ब्राउन राइस में लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को कम रखता है। इसलिए मधुमेह के मरीजों के लिए ब्राउन राइस का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। ब्राउन राइस खाने के फायदे वजन नियंत्रण भी शामिल है।