भारत बनेगा कार्बन मुक्त ईंधन का निर्यात केंद्र….

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने जीवाश्म ईंधन पर देश की निर्भरता घटाने और कार्बन मुक्त ईंधन को बढ़ावा देने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले नवीकरणीय ऊर्जा की पूरी देश में ढुलाई मुफ्त कर दी।

केंद्र सरकार ने बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय हाइड्रोजन नीति के पहले हिस्से को देश के सामने रखते हुए यह घोषणा की है। इस फैसले के जरिए सरकार देश को एक निर्यात हब बनाना चाहती है। राष्ट्रीय हाइड्रोजन नीति पेश करते हुए केंद्रीय ऊर्जा एवं नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री राजकुमार सिंह ने कहा कि इसके जरिए सरकार का लक्ष्य 2030 तक 50 लाख टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करना है।

हाइड्रोजन की जरूरत इस्पात संयंत्रों और तेल शोधन कारखानों को चलाने में पड़ती है। वर्तमान में हाइड्रोजन का उत्पादन जीवाश्म ईंधन जैसे कि प्राकृतिक गैस या नेफ्था के जरिए किया जाता है। यूं तो हाइड्रोजन खुद कार्बन मुक्त होता है, लेकिन जीवाश्म ईंधन के कारण कार्बन उत्सर्जन होता है। ग्रीन हाइड्रोजन जिसे क्लीन हाइड्रोजन भी कहते हैं, इसका उत्पादन नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों जैसे कि सौर ऊर्जा या पवन ऊर्जा से बनी बिजली से किया जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *