एक अप्रैल से बदलेंगे पीएफ खाते से जीएसटी तक के नियम……

नई दिल्‍ली। हर महीने की पहली तारीख को कुछ न कुछ छोटे-बड़े बदलाव देखने को मिलते हैं। मार्च का महीना खत्म होने वाला है और एक अप्रैल से नया वित्त वर्ष शुरू होने जा रहा है। ऐसे में महीने की शुरुआत बड़े बदलावों के साथ होने वाली है। इनमें जहां एक ओर पीएफ खाते से लेकर जीएसटी तक के नियम बदल जाएंगे। तो दूसरी ओर क्रिप्टो में निवेश करने वालों पर टैक्स की मार पड़ेगी।
यही नहीं एक अप्रैल से महंगाई के मोर्चे पर भी लोगों को बड़ा झटका लगने वाला है। आइए ऐसे ही कुछ बड़े बदलावों पर नजर डालते हैं, जो सीधे तौर पर आपको प्रभावित करने वाले हैं। एक अप्रैल 2022 से जो सबसे बड़े बदलाव होने जा रहे हैं, उनमें सबसे अहम है पीएफ खाते पर टैक्स।
दरअसल, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने Income-tax (25th Amendment) Rule 2021 को लागू करने का फैसला किया है। यानि ईपीएफ खाते में 2.5 लाख रुपये तक टैक्स फ्री योगदान का कैप लगाया जा रहा है। अगर इससे ऊपर योगदान किया, तो ब्याज आय पर टैक्स लगेगा। वहीं सरकारी कर्मचारियों के जीपीएफ में टैक्स फ्री योगदान की सीमा 5 लाख रुपये सालाना है।
नए वित्त वर्ष के पहले दिन यानी एक अप्रैल से एक बड़ा बदलाव क्रिप्टोकरेंसी पर लगने वाले टैक्स का है। बजट 2022-23 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सभी वर्चुअल डिजिटल एसेट या क्रिप्टो एसेट पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का एलान किया था। इसके तहत अगर क्रिप्टो एसेट बेचने पर निवेशक को जो फायदा होगा उस पर उसे सरकार को टैक्स देना होगा। इसके साथ ही जब-जब कोई क्रिप्टो एसेट बेचा, तो उसकी बिक्री का एक फीसदी की दर से टीडीएस कटेगा।
नए वित्त वर्ष की शुरुआत से आम आदमी को दवाइयों पर खर्च बढ़ने वाला है। जी हां, महंगाई की मार से पहने से परेशान लोगों के लिए एक अप्रैल से दवाएं खरीदना महंगा हो जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक 800 आवश्यक दवाओं की कीमतों में 10.7 फीसदी की बढ़ोतरी होने वाली है। इनमें बुखार की बुनियादी दवा पैरासिटामॉल भी शामिल है। राष्ट्रीय दवा मूल्य निर्धारक प्राधिकरण (एनपीपीए) ने इन दवाओं के थोक मूल्य सूचकांक में बदलाव को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है।

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