नई दिल्ली। भारत के पहले भू-अवलोकन उपग्रह (जीआईएसएटी-1) को कक्षा में स्थापित करने के लिए प्रक्षेपित किए गए मिशन की नाकामयाबी पर इसरो ने रिपोर्ट पेश की है। जीएसएलजी-एफ10 रॉकेट से भेजे गए इस मिशन की नाकामी के पीछे रॉकेट के तरल हाइड्रोजन टैंक में रिसाव से कम दबाव के निर्माण को बताया गया है।
जांच के लिए गठित विफलता विश्लेषण समिति (एफएसी) ने पाया कि टैंक में अतिरिक्त दवाब को कम करने के लिए लगे वेंट एंड रिलीफ वाल्व (वीआरवी) की सॉफ्ट सील में क्षति की वजह से हाइड्रोजन टैंक में दवाब कम हो गया, जिसकी वजह से रॉकेट के दूसरे तरल हाइड्रोजन (एलएच-2) टैंक से क्रायोजेनिक इंजन को ईंधन की आपूर्ति में बाधा आई और इंजन नहीं चला।
समिति के मुताबिक यह विफलता तब हुई, जब रॉकेट उड़ान के आखिरी चरण में जाने वाला था। श्रीहरिकोटा से पिछले साल 12 अगस्त को जीआईएसएटी-1 को लेकर जीएसएलवी-एफ-10 रॉकेट ने सामान्य रूप से उड़ान भरी थी, 307 सेकंड की उड़ान के बाद प्रक्षेपण को निरस्त कर दिया गया।