नई दिल्ली। शुक्रवार यानी आज सूर्य की सतह पर मची खलबली से पृथ्वी पर भू-चुंबकीय तूफान की संभावना जताई गई है। जानकारी के मुताबिक इस भू-चुंबकीय तूफान का असर शनिवार को भी बना रह सकता है।
बता दें कि इसके चलते कई देशों में रेडियो सिग्नल गड़बड़ाने के साथ कमजोर पावर ग्रिड में खराबी पैदा होने की आशंका जताई जा रही है। एसडब्ल्यूपीसी के मुताबिक सूर्य की सतह पर स्थित धब्बा एआर 2987 से अत्यधिक ऊर्जा वाली सामग्री उछलकर अंतरिक्ष के निर्वात में गिरेगी।
यह स्पाट पिछले कुछ दिनों से अचानक सक्रिय हो गया था। इस घटना से जीएस श्रेणी का भू-चुंबकीय तूफान उठेगा, जो पृथ्वी तक असर करेगा। इस तूफान की रफ्तार 16,13,520 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी।
अपने अलर्ट में एसडब्ल्यूपीसी ने 15 अप्रैल 2022 के लिए जी1 (माइनर) जियोमैग्नेटिक स्टार्म वाच जारी की है। विज्ञानियों के मुताबिक पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र इसका असर झेलने को तैयार है। आपको बता दें कि भू-चुंबकीय तूफान पृथ्वी के मैग्नेटोस्फीयर की एक बड़ी गड़बड़ी है,
जो तब होती है, जब सौर हवा से पृथ्वी के आसपास के अंतरिक्ष वातावरण में ऊर्जा का बहुत ही कुशल आदान-प्रदान होता है। 15 अप्रैल को एसडब्ल्यूपीसी ने तूफान का असर जारी रहने की संभावना जताई है।
जानकारी के अनुसार सूर्य के इस रेडिएशन तूफान की वजह से नॉर्थ पोल के वायुमंडल के ऊपरी हिस्से में ज्यादा नॉर्दन लाइट का निर्माण होगा, जिसका पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव इलाके में स्थित सैटेलाइट और पावर ग्रिड पर प्रभाव पड़ सकता है। इसकी वजह से उत्तरी ध्रुव इलाकों में अंधेरा छा जाने का भी खतरा है।