नई दिल्ली। खुशहाल जीवन के लिए धन का होना बहुत आवश्यक है। इंसान पैसा अर्जित करने कि लिए बिजनेस या नौकरी करता है। बिजनेसमैन का व्यापार यदि अच्छा चलता है, तो उसके जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है। वहीं अगर व्यापार में घाटा हो जाए, तो व्यक्ति का जीवन परेशानियों से घिर जाता है। ऐसे में आज हम आपको बिजनेस में बरकत के लिए व्यापार वृद्धि यंत्र के बारे में बताने जा रहे है। तो चलिए जानते है…
किस धातु पर बनवाना चाहिए व्यापार वृद्धि यंत्र– व्यापार वृद्धि यंत्र को चांदी, तांबे या सोने के पत्र पर पर बनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार शुभ मुहूर्त में स्फटिक या सोने के पत्र पर यंत्र बनाना शुभ माना जाता है। इस यंत्र का शुभ फल तभी मिलता है, जब विधि-विधान के साथ इसकी स्थापना व पूजा की जाती है। ऐसा करने से दरिद्रता दूर रहती है, व्यापार में सफलता मिलती है।
कैसे करें व्यापार वृद्धि यंत्र की पूजा– बुधवार के दिन शुभ मुहूर्त में व्यापार वृद्धि यंत्र के सामने बैठकर लक्ष्मी के मंत्र का जाप करने से धन का आगमन होता है। व्यापार वृद्धि यंत्र की नियमित पूजा करनी चाहिए। पूजन के वक्त यंत्र के ऊपर इत्र का छिड़काव करना चाहिए। साथ ही दीप, धूप, नैवद्य अर्पित करने चाहिए। यदि व्यापार में दिन-रात मेहनत करने के बावजूद भी नुकसान का सामना करना पड़ता है, तो ऐसे में व्यापार वृद्धि यंत्र की स्थापना पूर्व या उत्तर दिशा में करनी चाहिए। इसके बाद इसकी विधिवत पूजा करनी चाहिए।
बिजनेस के लिए है लाभकरी- अगर आप कोई नया व्यापार शुरू करना चाहते हैं तो व्यापार वृद्धि यंत्र आपके लिए मंगलकारी साबित हो सकता है। व्यापार में सफलता पाने के लिए व्यापार वृद्धि यंत्र शुभ माना गया है। इसके अलावा लेन-देन करते समय व्यापार वृद्धि यंत्र का पूजन और दर्शन करने से सफलता प्राप्त होती है। अगर बराबर प्रयास करने के बावजूद भी आपको घाटा हो रहा है, तो व्यापार वृद्धि यंत्र को आप अपने दुकान की पूर्व या उत्तर दिशा में स्थापित करें। साथ ही जो व्यापार में आर्थिक समृद्धि चाहते हैं, उन्हें पवित्र मन से व्यापार वृद्धि यंत्र के सामने अग्नि में गाय का दूध अर्पित करना चाहिए। साथ ही रोजाना लक्ष्मी सूक्त का पाठ और इनके मंत्र का जाप करना चाहिए।