नई दिल्ली। बहुप्रतिक्षित तथा करीब दो साल बाद 30 जून से शुरु हो रही अमरनाथ यात्रा 11 अगस्त तक चलेगी। इसको सुरक्षित बनाने की दिशा में केन्द्र और जम्मू- कश्मीर प्रशासन पूरी तरह से तत्पर और सक्रिय हो गया है। इसके बावजूद आतंकियों के खतरे को देखते हुए उनके खिलाफ अभियान को और तेजी से चलाने की आवश्यकता महसूस किया जा रहा है। गृहमंत्री अमित शाह ने तैयारियों की समीक्षा के लिए उच्चस्तरीय बैठक में अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी सम्भव प्रबन्ध करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा बल आतंकियों के खिलाफ समन्वित ढंग से बड़ा अभियान चलाये। यात्रियों की आवश्यकता के अनुसार श्रीनगर में विमान सेवाएं बढ़ाने का निर्देश भी दिया गया है जो उचित है। कोरोनाकाल के बाद पहली बार अमरनाथ यात्रा के लिए विशेष प्रबन्ध करने का निर्णय स्वागत योग्य है। सभी यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टि से रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) कार्ड जारी करने का निर्णय लिया गया है। इस बार हर अमरनाथ यात्री का पांच लाख रुपये का बीमा भी होगा। ऊंचाई वाले स्थानों पर आक्सीजन सिलेण्डर के साथ अन्य चिकित्सकीय व्यवस्था भी की जा रही है।
अमरनाथ यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए प्राथमिकता के आधार पर व्यवस्था की जा रही है। इससे यात्रियों में किसी भी प्रकार का भय उत्पन्न नहीं होगा। इन सब आवश्यक व्यवस्थाओं के अतिरिक्त आतंकियों पर विशेष नजर रखने की जरूरत है, क्योंकि आतंकी तत्वों की इन दिनों गतिविधियां बढ़ी हैं। सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में कई आतंकी मारे भी गये हैं। इसलिए आतंकियों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाने का निर्णय उचित है। इस दिशा में शीघ्र कदम बढ़ाने की जरूरत है। इसके अच्छे परिणाम आ सकते हैं और इससे शान्ति-व्यवस्था भी सुदृढ़ होगी।