ऑटोमोबाइल। ड्राइविंग के दीवाने और रोड ट्रिप पसंद करने वाले लोग अक्सर कहीं न कहीं लॉन्ग ड्राइव पर निकल जाते हैं। ड्राइविंग बहुत से लोगों के लिए दिलचस्पी भरा हो सकता है। लेकिन यात्रा को मजेदार बनाने के साथ-साथ सुरक्षित बनाने के लिए आपको गाइडलाइंस का पालन करना भी बेहद जरुरी होता है। अगर आप एक्सप्रेसवे पर सफर कर रहे हैं तो आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए यहां हम आपको बताएंगे। तो चलिए जानते है…
नजरें सिर्फ सड़क पर- कोई भी वाहन चलाते समय चालक की निगाहें सिर्फ सड़क पर ही होनी चाहिए। गाड़ी चलाते वक्त फोन का यूज या बात नहीं करना चाहिए। इसके अलावा कुछ खाना भी नहीं चाहिए। कुल मिलाकर चालक का ध्यान सिर्फ गाड़ी चलाने पर होना चाहिए।
न करें ओवरटेक- कई बार अंधे मोड़ पर कभी भी सामने चल रही गाड़ी को जल्दबाजी में ओवरटेक न करें। और खास कर की जब किसी बड़े वाहनों से आगे निकलना हो, तो ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए।
अचानक लेन न बदलें- आपको हमेशा ही अपनी गाड़ी के इंडिकेटर्स और सिगनल का सावधानी से इस्तेमाल करना चाहिए। यदि सड़क पर कहीं मुड़ना हो या रुकना हो तो इसकी सूचना समय से दें। सड़क में ड्राइविंग के दौरान लेन चेंज करने से पहले इंडिकेटर्स का इस्तेमाल करें ना की अपनी दिशा अचानक से बदलें, ऐसे में हादसा हो सकता है। ट्रैफिक को अपने अगले मूव के बारे में इंडिकेटर से या जरूरी हो तो हाथ से भी बताएं।
एक स्पीड तय करें और उसका पालन करें- हाईवे पर सबसे ज्यादा अनदेखी गाड़ी की स्पीड को की जाती है। क्योंकी वहां आपको रोकने वाला कोई नहीं होता है और फिर, आप अक्सर एक तेज रफ्तार वाहन की स्पीड को देखकर उससे बराबरी करने कोशिश की करते हैं। लेकिन सड़क पर लगाए गए स्पीड लिमिट के साइनबोर्ड की अनदेखी कभी ना करें। सड़क के जिस हिस्से में जितनी स्पीड का साइनबोर्ड लगा है, अपने वाहन की रफ्तार को उतना ही रखें। वे खासतौर आपकी और सड़क पर सफर कर रहे दूसरों की सुरक्षा के लिए लगाए जाते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि, सबसे अच्छी बात यह है कि आप सड़क का आकलन करें, परिस्थितियों को देखें और अपनी स्पीड तय करें।
सीट बेल्ट जरूर पहनें- कार चलाते समय सीट बेल्ट जरूर पहनें और अपने साथ वाले को भी सीट बेल्ट पहनने के लिए कहें। ज्यादातर सड़क दुर्घटनाओं में देखा गया है कि 56 फीसदी युवा सीट बेल्ट नहीं लगाए हुए थे।
सुरक्षित दूरी बनाए रखें- वाहन चलाने के दौरान, आपसे आगे या अगल-बगल में चल रही गाड़ियों से हमेशा उचित दूरी बनाए रखें। ज्यादातर दुर्घटनाएं बहुत नजदीक चलने की वजह से होती हैं। हाईवे वाहन चलाते समय आगे चलने वालने वाहन से हमेशा कम से कम 70 मीटर की दूरी रहना जरूरी है। ड्राइविंग के समय अगर आपको सड़क के बीच में व्हाइट पट्टी दिखती है तो आप अगली कार से खुद को सुरक्षित दूरी पर मान सकते हैं।
मिरर का इस्तेमाल जरूरी- गाड़ी चलाते समय रियर व्यू मिरर और विंग मिरर (साइड मिरर) का ठीक ढंग से इस्तेमाल किया जाना जरूरी है। इसके लिए सभी मिरर सही से दिखाई देने चाहिए, जिससे दाएं, बांए या फिर पीछे से आ रही गाड़ी पर स्पष्ट निगाह बनी रहे। कार को रिवर्स करते समय पीछे देखने या कार के बाहर सिर बाहर निकालने से बचना चाहिए।
कार सर्विसिंग होनी चाहिए- गाड़ी की सर्विसिंग नियमित रूप से होनी चाहिए। इसके लिए ऑइल चेंज, टायर प्रेशर की जांच, टायर को नियमित रूप से रोटेट करते रहना, ब्रेक फ्लुइड और कूलेंट लेवल की जांच करते रहना बेहद जरूरी है। इन सब के साथ ही कार में जरूरी कागजात और इमरजेंसी किट हमेशा मौजूद रहनी चाहिए।
ब्रेकडाउन- अगर आपका वाहन खराब हो गया है, तो ऐसी स्थिति में वाहन को धीरे-धीरे धीमा करें और हाईवे के साइड की ओर बढ़ना शुरू करें। बिल्कुल साइड में पहुंचने पर कार को सावधानी से रोकें और कार की हैजार्ड लाइटें ऑन करें। अन्य वाहन चालकों को अलर्ट करने के लिए हैजार्ड ट्राएंगल को कार के पीछे लगभग 10 से 15 फीट की दूरी पर रखें। हाईवे असिस्टेंस के नंबरों को नोट करें और आपातकालीन कॉल बॉक्स भी खोजें। अगर रात का समय है, तो वाहन की मौजूदगी को दिखाने के लिए कार की सभी इंटीरियर लाइट्स को ऑन कर दें। कोशिश करते रहें और मदद आने तक वाहन के अंदर ही रहें।