नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों से आम जनता की मुश्किलें बढ़ गयी थीं। महंगाई से जूझ रही जनता को राहत देने के उद्धेश्य से केन्द्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती की है। सरकार ने पेट्रोल नौ रुपये 50 पैसे और डीजल सात रुपए प्रति लीटर सस्ता कर दिया है। पेट्रोल पर आठ रुपये और डीजल पर छह रुपये उत्पाद शुल्क की कटौती करना सरकार का बड़ा कदम माना जा सकता है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण उत्पाद शुल्क में कटौती की जो घोषणा करते हुए बताया कि इससे पेट्रोलिय पदार्थों की कीमतों में कमी आएगी।
इसके साथ ही महंगा गैस सिलेण्डर खरीदने वाले गरीबों को भी राहत दी गयी है। उज्ज्वला योजनाके लाभार्थियों को दो सौ रुपये प्रति सिलेण्डर सब्सिडी दी जायगी। एक वर्ष में 12 सिलेण्डरों पर यह सुविधा मिलेगी। कोरोना महामारी और उसके बाद रूस- यूक्रेन युद्ध से उत्पन्न स्थितियों के सन्दर्भ में यह बड़ी राहत होगी। इसका दूरगामी प्रभाव पड़ेगा और आवश्यक वस्तुओं तथा सेवाओं की लागत भी कम होगी जिसका लाभ जनता को मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह कथन भी उचित है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इस कमी से विभिन्न क्षेत्रों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इससे जीवन की सुगमता भी आगे बढ़ेगी।
केन्द्र सरकार की ओर से उत्पाद शुल्क में कटौती के निर्णय से राज्यों पर भी दबाव बढ़ेगा कि वह अपने राज्यों में पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले वैट में कटौती करें। केरल और राजस्थान की राज्य सरकारों ने इस दिशा में कदम उठाया है, जो स्वगत योग्य है। केरल ने पेट्रोल पर 2.41 रुपये और डीजल पर 1.38 रुपये प्रति लीटर की कटौती की है। राजस्थान सरकार ने क्रमश: 2.48 रुपये और 1.16 रुपये की कमी की है। अन्य सभी राज्यों का भी दायित्व है कि वह अपने यहां पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले वैट को कम करें। इसके साथ ही केन्द्र सरकार को पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का भी प्रयास करना चाहिए जिससे कि दोनों आवश्यक वस्तुएं और सस्ती हो।