योग। जीवनशैली की गड़बड़ी ने लोगों में कई तरह की समस्याओं को बढ़ा दिया है। रीढ़, कमर, और गर्दन में होने वाली दर्द की समस्या इसमें सबसे आम है। सामान्यतौर पर पहले अंगों के दर्द की समस्या को उम्र बढ़ने के साथ होने वाली दिक्कतों के तौर पर देखा जाता था, हालांकि अब कम आयु के लोगों में भी इस तरह की दिक्कतें काफी बढ़ती हुए रिपोर्ट की जा रही हैं।
शरीर में होने वाली दर्द की समस्या आपको काफी असहज कर सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार इनसे बचे रहने के लिए जीवनशैली की सक्रियता और नियमित योग की आदत काफी मदद कर सकती है। आपको बता दें कि नियमित योगासनों का अभ्यास करने वाले लोगों में दर्द की समस्याओं का जोखिम कम होता है, साथ ही यह आदत आपके फिटनेस के लिए भी काफी मददगार हो सकती है। योग विशेषज्ञ इन समस्याओं से बचे रहने के लिए दिनचर्या में भुजंगासन योग को शामिल करने की सलाह देते हैं। भुजंगासन के नियमित अभ्यास की आदत शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत को बेहतर बनाए रखने में काफी मददगार हो सकता है।
भुजंगासन योग को करने का तरीका- आपको बता दें कि भुजंगासन योग का अभ्यास करना काफी आसान है और लगभग सभी आयुवर्ग के लोगों के लिए इसके लाभ देखे गए हैं। शुरुआत में किसी विशेषज्ञ से इस आसन के बारे में प्रशिक्षण अवश्य ले लें। सबसे पहले भुजंगासन योग को करने के लिए जमीन पर लेट जाएं और अपनी हथेलियों को फर्श पर कंधे की चौड़ाई से अलग रखें। अब अपने निचले शरीर को जमीन पर रखते हुए श्वास लें और अपनी छाती को फर्श से उठाते हुए छत की ओर देखें। अब सांस छोड़ते हुए अपने शरीर को फर्श पर दोबारा लेकर आएं।
कमर और गर्दन के दर्द– कमर व गर्दन दर्द की समस्या से बचे रहने के लिए भुजंगासन योग के नियमित अभ्यास काफी लाभप्रद हो सकती है। यह अभ्यास आपके छाती, पेट और कंधों की बेहतर स्ट्रेचिंग में काफी सहायक है। इस मुद्रा का अभ्यास करने से आपकी रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है और साइटिका की समस्या को कम किया जा सकता है।