संत-महात्मा और फकीर होते है समदर्शी: पंकज जी महाराज

कप्तानगंज/कुशीनगर। अच्छे समाज के निर्माण के लिए जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था मथुरा के अध्यक्ष पूज्य पंकज जी का शाकाहार-सदाचार, मद्यनिशेध आध्यात्मिक जनजागरण यात्रा विकासखण्ड कप्तानगंज के बोदरवार पहुॅची। सत्संग समारोह में आये जनमानस को उन्होंने अपने उद्बोधन में बताया कि संत-महात्मा, फकीर समदर्शी  होते हैं। वे समस्त जीवों में प्रभु के अंष को देखते हैं। मनुष्य की एक ही जाति है। वह मानव जाति है। सत्संग में शब्द और नाम का प्रचार किया जाता है। किसी व्यक्ति, जाति और मजहब की निन्दा, आलोचना नहीं की जाती है। दोनों आंखों के मध्य भाग में जीवात्मा की बैठक है। उसका प्रकाष शरीर में नीचे के चक्रों में फैला हुआ है। सारा ब्रह्माण्ड शब्द पर टिका हुआ है। पोथी पढ़ि-पढ़ि जग मुआ, पण्डित भया न कोई। ढाई अक्षर प्रेम का पढ़े सो पण्डित होय। पंक्ति को उद्धृत करते हुये उन्होंने बताया कि जिस ढाई अक्षर की बात कबीर साहब ने किया है। वह शब्द यानि नाम है न कि प्रेम। संत महापुरुष जब मिलते हैं, तब सुरत-शब्द का भेद बताकर जीवात्मा के फैले हुये प्रकाश को समेटने के लिये शब्द के सुनने का तरीका बताते हैं। जिसे भजन कहते हैं। प्रभु से मिलने का प्रेम और प्यार पैदा करते हैं। जिस प्रकार मन्दिरों में घण्टा-शंख बजाया जाता है, उसी तरह मनुष्य मन्दिर में यह शब्द, जीवात्मा के कान तक निरन्तर आ रहा है। हिन्दू महात्माओं ने इसे देववाणी अनहदवाणी कहा। मुसलमान फकीरों ने कलमा और नानक जी ने धुर की वाणी कहा। कलयुग में सुरत-शब्द की साधना सनातन से सनातन मार्ग है। भगवान शंकर ने जो नषा किया था, वह नाम भक्ति का था। गांजा, भांग के नशे की बात करना उनकी मर्यादा के खिलाफ है। मनमुखी लोगों ने अपने स्वार्थ में, अज्ञानता के कारण गलत प्रचार किया। साधना के समय घण्टे, शंख की आवाज को पकड़ लेने पर आप पर भी ऐसा नशा चढ़ेगा कि आप दुनिया को भूल जाओगे और अपने आप को अलग दुनियां में पाओगे। भक्ति नाम का नषा जब एक बार चढ़ जाता है, तो उतरता नहीं है।
उन्होंने अपील किया सभी लोग शाकाहार को अपनाये और नशाली चीजों का परित्याग करें। आज नयी-नयी बीमारियों का कारण अशुद्ध खानपान, कीटनाषकों और रासायनिक खादो का प्रयोग है। इस संसार के सामानों से सुख तब मिलेगा, जब तक हम अपने गुरू की ऊंगली पकड़े रहेगे। जिस प्रकार मेले में बच्चा जब तक पिता की ऊंगली पकड़े रहता है, वह मेले के सामानों को देखकर खुश होता है। लेकिन ऊंगली छूट जाने पर मेले के वहीं सामान उसको सुख नहीं देते है। वह रोता हुआ घूमता रहता है। पूज्य पंकज जी महाराज ने सभी हिन्दू-मुसलमान, सिख-इसाई भाइयों से आपस में मिल जुलकर सौहार्द्रपूर्ण जीवन जीने का अपील किया। साथ ही उन्होंने जयगुरुदेव आश्रम मथुरा में आगामी 11 से 15 जुलाई तक आयोजित गुरुपूर्णिमा पर्व पर आने का निमन्त्रण दिया। जिला कुशीनगर में यह सत्संग समारोह विकासखण्डवार 10 जून से 16 जून तक सुबह और शाम में आयोजित किया जा रहा है। शांति व्यवस्था में स्थानीय पुलिस प्रशासन का भी सहयोग रहा। सत्संग के बाद यह जनजागरण यात्रा बरवा महादेवा विकासखण्ड रामकोला के लिए प्रस्थान कर गयी। वहॉ पर सुबह 11 बजे से सत्संग कार्यक्रम होगा। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष सवरू चौधरी, सुरेश चौरसिया उपाध्यक्ष, नन्हेंबाबू महामंत्री, रामश्री चौहान मंत्री, उमेष चन्द्र गुप्ता कोशाध्यक्ष, रामकृपाल वर्मा तहसील अध्यक्ष, धर्मेन्द्र सिंह ब्लाक अध्यक्ष, भीमसिंह ब्लाक उपाध्यक्ष, श्रवण सिंह, रामप्यारे, सुषीला देवी न्याय पंचायत अध्यक्ष, शम्भू यादव, किशोर चौधरी, रामचन्द्र यादव, कन्हैयालाल यादव तथा संस्था के महामन्त्री बाबूराम यादव, प्रबन्धक संतराम चौधरी, संगत दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष विजय पाल सिंह, संगत बिहार प्रदेश के अध्यक्ष मृत्युन्जय झा, मप्र. के महासचिव बीबी. दोहरे, प्रबन्ध समिति के सदस्य अनूप कुमार सिंह, नानक जी, रामचन्द्र यादव, सतीश उपाध्याय आदि उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *