मुंबई। राजनीतिक उठा पटक के बाद महाराष्ट्र में अब शिवसेना पर अधिकार को लेकर खेल चल रहा है। चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के गुट को नोटिस भेजा है। चुनाव आयोग ने दोनों गुटों को चिट्ठी भेजकर आठ अगस्त तक जवाब मांगा है। दोनों नेताओं से शिवसेना पर अपने अधिकार के दावे को लेकर सबूत पेश करने को कहा गया है। चुनाव आयोग ने कहा कि अपना अपना बहुमत साबित करने के लिए दोनों गुटों को आवश्यक दस्तावेज भी पेश करना होगा।
बता दें कि एकनाथ शिंदे गुट ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर पार्टी का चुनाव चिन्ह् धनुष-बाण आवंटित करने की मांग की थी। चुनाव आयोग को भेजे एक पत्र में शिंदे गुट ने असली शिवसेना होने का दावा किया है और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर की ओर से दी गई मान्यता का हवाला दिया है। महाराष्ट्र में शिवसेना के 55 में से कम से कम 40 विधायकों ने बागी नेता शिंदे को समर्थन देने की घोषणा की थी।
जिसके बात तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को इस्तीफा देना पड़ा था। एकनाथ शिंदे ने 30 जून को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले लिया। शिंदे ने लोकसभा में राहुल शेवाले को पार्टी के फ्लोर लीडर और भावना गवली को मुख्य सचेतक बनाने की घोषणा की। लोकसभा अध्यक्ष राहुल शेवाले को संसद के लोकसभा में शिवसेना के नेता के रूप में मान्यता दे चुके हैं।
इसी बीच उद्धव ठाकरे को एक और झटका तब लगा जब जब उनके 19 लोकसभा सदस्यों में से 12 ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को अपना समर्थन दिया था। अब चुनाव आयोग के इस नोटिस के बाद उद्धव ठाकरे पर पार्टी बचानें को लेकर काफी दबाव आ गया है। कुर्सी जाने के बाद कहीं पार्टी भी हाथ से न निकल जाय इसको लेकर वह बड़े बड़े विशेषज्ञों से राय मशवरा कर रहे है।