मानसून में बढ़ते अस्‍थमा को कंट्रोल करता है प्राणायाम…

योग। बारिश के मौसम में अस्‍थमा के मरीजों को स्‍वास्‍थ संबंधी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अस्‍थमा के मरीज को गले में सूजन, खांसी और चेस्‍ट में जकड़न की समस्‍या हो सकती है। अस्‍थमा बढ़ जाने पर सांस नली में सूजन आ जाती है, जिस वजह से सांस लेने में तकलीफ होती है। साथ ही लंग्‍स से संबंधित समस्‍या के बढ़ जाने का खतरा भी अधिक हो जाता है।

कुछ लोगों के लंग्‍स में म्‍यूकस या कफ भी जमने लगता है। सांस से संबंधित बीमारी को कम या कंट्रोल करने में दवाइयों से ज्‍यादा प्राणायाम मदद कर सकता है। प्राणायाम से शरीर की उन मांसपेशियों को आराम मिलता है, जो सांस लेने में मदद करती हैं। चलिए जानते हैं कौन से प्राणायाम अस्‍थमा को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं-

शवासन:-
प्राणायाम कई बीमारियों को कंट्रोल करने में मददगार साबित होता है। विशेषकर सांस संबंधी बीमारियों के लिए प्राणायाम तो रामबाण है। प्राणायाम से अस्‍थमा को ठीक तो नहीं किया जा सकता लेकिन इसे कंट्रोल ज़रूर किया जा सकता है। अस्‍थमा में प्राणायाम सबसे अहम योगमुद्रा है। इसे करने के लिए पीठ के बल सीधे लेट जाएं और आंख बंद करते हुए ध्‍यान केंद्रित करें। धीरे-धीरे सांस की लय पर ध्‍यान दें और शरीर को आराम करने दें। 5 से 10 मिनट इसी मुद्रा में रहें फिर धीमी सांस लेते रहें। जिन लोगों को जमीन पर लेटने में परेशानी होती वह इसे बिस्तर पर लेट कर भी कर सकते हैं।

सुखासन:-
सुखासन एक और सांस व तनाव को कंट्रोल कर अस्‍थमा में मदद करने वाला प्राणायाम है। इसे करने के लिए पैरों को क्रॉस करके बैठ जाएं। जिन लोगों को बैठने में दिक्‍कत आती है वह किसी चीज का सपोर्ट लेकर सीधे बैठने का प्रयास करें। फिर दाहिने हाथ को छाती पर और बांए हाथ को पेट पर रखें। इस स्थिति में आंखों को बंद रखें और सांस पर ध्‍यान लगाएं। सांस को धीरे-धीरे छोडें। इस मुद्रा को लगभग पांच मिनट तक करें।

फॉरवर्ड बेंड:-
यह मुद्रा चेस्‍ट को ओपन करने में मदद करती है जिससे सांस संबंधी समस्‍याओं में आराम मिलता है। यह मुद्रा करना थोड़ा कठिन है लेकिन अस्थमा के लिए बेस्‍ट प्राणायाम है। इसके करने के लिए दोनों पैरों को थोड़ा खोलकर खड़े हो जाएं। फिर शरीर के ऊपरी हिस्‍से को आगे की ओर बैंड करते हुए घुटनों तक ले जाएं। और दोनों हाथों से पैरों को पकड़ लें। इस प्राणायाम को करते वक्‍त आंखों को बंद रखें। साथ ही गहरी सांस लें। जिन लोगों को कमर दर्द की समस्‍या है वह इसे कुर्सी पर बैठ कर सकते हैं।

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