काम की खबर। खेती में लंबे समय से फर्टिलाइजर्स और पेस्टिसाइड्स का प्रयोग बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इस तरह उत्पादित होने वाली फसलों पर खतरनाक केमिकल्स का काफी असर होता है और यह स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित होता है। हालांकि अब धीरे-धीरे Organic Farming का ट्रेंड काफी बढ़ रहा है।
ऑर्गेनिक फार्मिंग से किसानों को पारंपरिक खेती की अपेक्षा ज्यादा फायदा होता है और इससे पैदा होने वाली फसलें स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती हैं। इतना ही नहीं एनवायरनमेंट के लिए भी इस तरह की फॉर्मिंग बढ़िया मानी जाती है। चलिए इस बारे में विस्तार से जान लेते हैं-
क्या होती है ऑर्गेनिक फार्मिंग?
ऑर्गेनिक फार्मिंग खेती की वह विधि है, जिसमें सिंथेटिक फर्टिलाइजर और कीटनाशकों का बेहद कम प्रयोग किया जाता है। इसमें जमीन की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने के लिए फसल चक्र, हरी खाद, कम्पोस्ट आदि का इस्तेमाल किया जाता है। ऑर्गेनिक फार्मिंग में किसान कीटनाशकों और कृत्रिम उर्वरकों के साथ ऐसे केमिकल्स यूज नहीं करते, जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। साल 1990 के बाद विश्व में जैविक उत्पादों का मार्केट काफी बढ़ गया है।
किसान कर सकते हैं ज्यादा मुनाफा:-
अगर सही विधि से ऑर्गेनिक खेती की जाए, तो एक एकड़ जमीन से एक साल में 8-10 लाख की कमाई की जा सकती है। इस विधि में कम प्रयास और कम सामग्री की जरूरत होती है। सरकार भी ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है, जिनका किसान फायदा उठाकर ज्यादा कमाई कर सकते हैं।
हेल्थ और पर्यावरण के लिए बेहद फायदेमंद:-
जैविक खाद्य उत्पादन हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इस तरह की खेती से पैदा हुए खाद्य पदार्थों में कीटनाशकों का असर कम होता है और इससे कई तरह की बीमारियां होने का खतरा टल जाता है। यही कारण है कि ऑर्गेनिक प्रोडक्ट का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। खाद्य उत्पादन की बात आती है, तो जैविक खेती को व्यापक रूप से अधिक टिकाऊ विकल्प माना जाता है। पर्यावरण के लिए भी जैविक खेती फायदेमंद होती है और इससे मिट्टी की गुणवत्ता बेहतर होती है। उर्वरक या कीटनाशक अपवाह से प्रदूषण कम होता है।