भगवान गणेश का स्मरण करते ही सब विघ्न-बाधाएं हो जाती है दूर: दिव्य मोरारी बापू

पुष्कर/राजस्थान। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि भले ही आपके ईष्ट देव भगवान् विष्णु अथवा भगवान् शिव अथवा पराम्बा दुर्गा हैं, इन सभी देवी देवताओं की उपासना की निर्विघ्न संपन्नता के लिए विघ्नविनाशक श्री गणेश जी का स्मरण आवश्यक है। श्री गणेश जी की यह बड़ी अद्भुत विशेषता है कि उनका स्मरण करते ही सब विघ्न-बाधाएं दूर हो जाती है। और सब कार्य निर्विघ्न पूर्ण हो जाते हैं। लोक-परलोक में सर्वत्र सफलता पाने का एकमात्र उपाय है कि कार्य प्रारम्भ करने से पहले भगवान् श्री गणेश का पूजन-स्मरण अवश्य करें, यह तो अन्य कर्मों के आरम्भ की बात है। किन्तु जब भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी का पर्व आता है तब उसके आरम्भ में भी विघ्नहरणार्थ विघ्नेश की पूजा की जाती है। इससे यह निष्कर्ष निकलता है। कि एक अंग पूजन है और एक प्रधान पूजन है। श्री गणेश जी का अंग के रूप में जो पूजन है। वह विघ्नहरण के निमित्त है। और प्रधान पूजन सभी मनोरथों की सिद्धि के निमित्त है।

देश और प्रान्त के भेद से पूजन का भेद उपलब्ध होने पर भी विश्व भर में भाद्र शुक्ल चतुर्थी एवं माघ कृष्ण चतुर्थी के दिन गणेशोत्सव विशेष रूप से प्रचलित है। आज हम चमत्कारों को देखकर नमस्कार करते हैं। किन्तु नमस्कार करने से चमत्कार उत्पन्न होता है। यह बात हम भूल गये हैं। चमत्कार ही आध्यात्मिक शक्ति है। यह देवताओं के नमस्कार और पूजन से सिद्ध होता है। अच्छे फल की प्राप्ति के लिए अच्छे कर्मों का अनुष्ठान न्याय संगत है। यह कर्म भूमि है। बिना कर्म किए फल मात्र की कामना उचित नहीं है। विशेषतः देवता प्रसाद के लिए यथोचित कर्म करना पड़ता है। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम ,श्री गोवर्धन धाम कालोनी, दानघाटी,बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर
जिला-अजमेर (राजस्थान)।

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