प्रयागराज में स्थित है लेटे हुए हनुमान जी की प्रतिमा, जानिए इसका रोचक इतिहास

यात्रा। भारत में बने हर एक मंदिर का अपना अलग महत्व है। फिर चाहे किसी देवी का मंदिर हो या हनुमान जी का। आज हम आपको प्रयागराज के बने हनुमान मंदिर के बारे में बताने वाले हैं। प्रयागराज का बड़ा हनुमान मंदिर अन्य हनुमान मंदिरों से अलग है। आमतौर पर आपने मंदिरों में हनुमान जी की खड़ी मूर्ति देखी होगी लेकिन इस मंदिर में स्थापित मूर्ति अलग है। आइए जानते हैं इस मंदिर की दिलचस्प कहानी-

लेटे हुए हैं हनुमान जी:-

प्रयागराज के बड़े हनुमान मंदिर में विराजे हनुमान जी लेटे हुए हैं। इस मूर्ति की लंबाई तकरीबन 20 फीट की है। कहा जाता है कि इस मंदिर में विराजे हनुमान जी को गंगा का पानी स्पर्श करता है। यही कारण है कि शनिवार और मंगलवार के दिन इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। लेटे हुए हनुमान जी को बांध वाले हनुमान जी भी कहा जाता है। इस मंदिर के अलावा और कोई ऐसा मंदिर वहीं हैं जहां हनुमान जी इस अवतार में मौजूद हों।

जानें इस मंदिर के पीछे की दिलचस्प कहानी:-

इस मंदिर और मूर्ति के पीछे एक दिलचस्प कहानी सुनाई जाती है। कहा जाता है कि अकबर अपने साम्राज्य का विस्तार करने के लिए प्रयागराज आया हुआ था। ऐसे में उन्होंने अपने किले में हनुमान जी की इस मूर्ति के ले जाने का प्रयास किया था। पर मूर्ति बिल्कुल भी नहीं हिली। बताया जाता है कि इस घटना के बाद अकबर को सपना भी आया था जिसके बाद उन्होंने मूर्ति को निकालने का काम रुकवा दिया था। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि लेटे हुए हनुमान जी बहुत शक्तिशाली हैं।

पीढ़ी दर पीढ़ी चलता आ रहा है पूजा-पाठ:-

इस मंदिर की  मूर्ति की तरह यहां होने वाली पूजा भी बहुत विशेष है। इस मंदिर में पूजा करने वाले महंत पीढ़ी दर पीढ़ी पूजा पाठ करते आ रहे हैं।

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