यात्रा। चित्तूर आंध्र प्रदेश में स्थित एक बेहद ही खूबसूरत शहर है। जब भी आंध्र प्रदेश में घूमने की जगहों की बात होती है तो उसमें चित्तूर का नाम अवश्य लिया जाता है। यहां की समृद्ध संस्कृति और परंपरा लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। चित्तूर का अपना एक अलग ऐतिहासिक महत्व है।
आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी चित्तूर का अपना एक अलग महत्व है। चित्तूर के आध्यात्मिक महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में से एक यहां पर स्थित है। शायद यही कारण है कि आंध्र प्रदेश में यह स्थान बेहद ही महत्वपूर्ण माना गया है और यहां पर कई बेहद ही खूबसूरत जगहें हैं जिन्हें एक्सप्लोर किया जा सकता है। चलिए जानते हैं इन खूबसूरत जगहों के बारे में-
श्री वेंकटेश्वर नेशनल पार्क:-
तिरुपति से लगभग 10 किमी दूर श्री वेंकटेश्वर नेशनल पार्क स्थानिक पौधों की प्रजातियों और स्लेंडर लोरिस, ट्री श्रू, जंगली कुत्ते आदि जैसे कई जीवों की प्रजातियों का घर है। यहां पर क्रेस्टेड सर्पेंट ईगल, इंडियन रोलर, किंगफिशर आदि को देख सकते हैं। नेशनल पार्क में तीन वाटरफॉल तालकोना, गुंडालकोना और गुजाना मुख्य आकर्षण हैं।
हॉर्सले हिल्स:-
हॉर्सले हिल्स चित्तूर में स्थित एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। इसे आंध्र का ऊटी भी कहा जाता है। अगर आप प्राकृतिक सौंदर्य से सराबोर एक बेहद ही खूबसूरत जगह पर अपना समय बिताना चाहते हैं तो ऐसे में हॉर्सले हिल्स आपको अवश्य जाना चाहिए यहां पर आप ट्रेकिंग से लेकर स्विमिंग और तीरंदाजी जैसी कई एक्टिविटीज का आनंद भी उठा सकते हैं।
नागलपुरम, तिरुपति विवरण:-
आंध्र प्रदेश के चित्तूर में स्थित नागलपुरम एक शांत स्थान है। इसे नगाला हिल्स के रूप में भी जाना जाता है और यहां पर तीन वाटरफॉल का समूह एक शानदार मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है। यह स्थान आपको शानदार ट्रेकिंग का भी एक अवसर प्रदान करता है। चेन्नई के करीब होने के कारण यहां से लोग अक्सर नागलपुरम घूमने के लिए आते हैं।
कैगल वाटरफॉल:-
आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित, कैगल वाटरफॉल कौंडिन्य वाइल्डलाइफ सैन्चुरी के बीच स्थित है। कैगल जलप्रपात का नाम कैगल गांव के नाम पर पड़ा है, जो इसके चारों ओर है। कैगल वाटरफॉल बारहमासी हैं। झरना तीन कैस्केडिंग फॉल्स में विभाजित है और पानी लगभग 40 फीट की ऊंचाई से गिरता है। जिसके कारण इसकी खूबसूरती बस देखने लायक होती है।
श्रीकालहस्ती मंदिर:-
चित्तूर में स्थित श्रीकालहस्ती मंदिर का हिंदुओं के लिए अत्यधिक धार्मिक महत्व है। यह भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर है, जिसका निर्माण वर्ष 1516 में विजयनगर साम्राज्य के राजा कृष्णदेवराय द्वारा किया गया था। इस भव्य मंदिर को अक्सर दक्षिण के कैलाश और काशी के रूप में जाना जाता है। मंदिर पांच तत्वों में से एक वायु तत्व का प्रतिनिधित्व करता है।