जम्मू। जम्मू-कश्मीर में पहली बार श्रमिकों को दो लाख रुपये का बीमा मिलेगा। यह घोषणा एलजी मनोज सिन्हा ने करते हुए कहा कि बीमे की राशि का भुगतान श्रम एवं रोजगार विभाग करेगा। इसमें असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के साथ ही सभी प्रकार के श्रमिक शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार असंगठित क्षेत्र में कार्यबल के लिए सामाजिक और आर्थिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध है और श्रमिकों के हितों की रक्षा, उनके कल्याण, क्षमता में सुधार, आवश्यक कौशल विकास के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
नागरिक सचिवालय में श्रम एवं रोजगार विभाग की समीक्षा बैठक में उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने जोर देकर कहा कि स्वरोजगार योजनाओं को संतृप्त करने के लिए समर्पित प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने विभाग से जम्मू और श्रीनगर में प्रत्येक में एक मेगा जॉब फेयर आयोजित करने के लिए कहा।
विभाग द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए कि जम्मू-कश्मीर में बंधुआ मजदूरी और बाल श्रम का कोई मामला न हो इस संबंध में उठाए गए कदमों के बारे में पूछते हुए एलजी सिन्हा ने विभाग से नियमित निरीक्षण और सर्वेक्षण करके जम्मू-कश्मीर को बंधुआ मजदूरी और बाल श्रम से मुक्त करने के लिए कहा।
उन्होंने असंगठित कार्यबल के लिए हेल्पलाइन शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि विभाग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि असंगठित श्रमिकों के शोषण का कोई मामला न हो। बाजार की बदलती परिस्थितियों की पृष्ठभूमि में उचित रोजगार योजना और श्रम तैनाती में लचीलापन प्राथमिकता होनी चाहिए।
उन्होंने असंगठित कार्यबल और उनके बच्चों के कल्याण और समर्थन के लिए श्रम और रोजगार विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को प्रभावित किया। उप राज्यपाल ने कहा, वित्तीय सहायता जैसे स्वास्थ्य, सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा लाभ सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। विभाग को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चों की शिक्षा और छात्रवृत्ति के लिए हर संभव सहायता एक निश्चित समय सीमा के भीतर दी जाए।