धर्म। वर्ष की सभी अमावस्याओं में कार्तिक अमावस्या श्रेष्ठतम मानी गई है क्योंकि इस दिन महालक्ष्मी की पूजा-आराधना करके अपने इष्ट कार्य को तो सिद्ध किया ही जा सकता है, शक्ति आराधना के लिए भी यह अमावस्या सर्वश्रेष्ठ मानी गई है। इस दिन भगवान राम असुरों का संहार करके अयोध्या लौटे थे,जिनका दीपोत्सव करके स्वागत किया गया था। दिवाली का दिन लक्ष्मी के स्वागत का दिन है। इस दिन हम चारों ओर प्रकाश फैलाकर सकारात्मकता के साथ महालक्ष्मी से समृद्धि और सम्पन्नता मांगते हैं।
दिवाली शुभ मुहूर्त:-
इस साल अमावस्या तिथि 24 और 25 अक्टूबर दोनों दिन ही है लेकिन 25 अक्टूबर को अमावस्या प्रदोष काल से पहले ही समाप्त हो जाएगी इसलिए दीपावली 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी। 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 28 मिनट पर अमावस्या शुरू होगी जो मंगलवार शाम को 4 बजकर 19 मिनट तक रहेगी। 24 अक्टूबर को दिवाली का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 54 मिनट से रात 8 बजकर 16 मिनट तक है।
दिवाली पूजन में इन मंत्रों का करें जाप:-
हिंदू धर्म में किसी पूजा-पाठ,व्रत और त्योहार में भगवान को प्रसन्न करने के लिए विधि विधान के साथ पूजा करना जरूरी होता है। शास्त्रों में हर एक देवी-देवता को प्रसन्न करने के लिए मंत्रों का जाप करना होता है नहीं तो पूजा अधूरी मानी जाती है। दिवाली पर मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए इन मंत्रों को जरूर करें जाप।
लक्ष्मी पूजन मंत्र
. ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥
. ॐ श्रीं श्रीयै नम:
. ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः॥
. ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥