योग। खाने के बाद गैस, पेट फूलना और पेट में दर्द होना सामान्य है लेकिन जब से गैस एसिडिटी में तब्दील हो जाती है तो परेशानी महसूस होने लगती है। पेट में गैस बनने का मुख्य कारण अधिक खाना खाने या खाने के बीच में लंबा गैप हो सकता है। कई बार जब इंटेस्टाइन के बैक्टीरिया खाने को ठीक प्रकार के ब्रेक नहीं कर पाते तो भी गैस की समस्या हो जाती है।
हालांकि गैस होने पर वॉक या घरेलू नुस्खों से आराम मिल सकता है लेकिन यदि इस समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पाना चाहते हैं तो योगासन का सहारा ले सकते हैं। योगा करने से गैस के साथ कई डाइजेस्टिव प्रॉब्लम्स को भी दूर किया जा सकता है। चलिए जानते हैं गैस की समस्या होने पर कौन से योगा पोज फायदा पहुंचा सकते हैं-
अपानासन:-
अपानासन ब्लोटिंग और गैस के दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकती है। अपानासन को विंड रिलीविंग पोज के नाम से भी जाना जाता है। इस योग को लेटकर किया जाता है। इसे करने के लिए जमीन पर सीधे लेट जाएं और फिर धीरे-धीरे दोनों पैरों के घुटने छाती से सटाएं। दोनों हाथों से पैरों को पकड़ लें और पांच से दस सैकेंड तक सांसों को रोक कर रखें। फिर घुटनों को छोड़ दें और सीधा कर लें। इस प्रक्रिया को 4-5 बाद दोहराया जा सकता है।
स्पाइनल ट्विस्ट:-
पेट को शांत और टोन करने के लिए स्पाइनल ट्विस्ट पोज का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले सीधे लेट जाएं और दोनों पैरों के घुटने आपस में जोड़ते हुए उन्हें बाईं ओर ले जाएं फिर दाईं ओर ले जाएं। इस दौरान सांस नॉर्मल चलती रहे। इस प्रक्रिया को कम से कम 8-10 बार करना चाहिए। इसके 3-4 सेट लगाए जा सकते हैं।
पवनमुक्तासन:-
पवनमुक्तासन को विशेषतौर पर गैस की समस्या को कम करने के लिए किया जाता है। इससे पेट का मजबूती मिलती है और रीढ़ की हड्डी को आराम मिल सकता है। इसके करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं। घुटनों को एक साथ ऊपर उठाएं और हाथों से पकड़ लें। फिर बाएं पैर को छोड़ दें और 30 सेकंड तक इसी पोजिशन में रहें। फिर दूसरे पैर से इस प्रक्रिया को दोहराएं। इस प्रक्रिया को दोनों पैरों से 3-3 बार करें।