लाइफ स्टाइल। मेंटल, इमोशनल और फिजिकल डिटॉक्स के बारे में हम सभी ने कभी न कभी पढ़ा और सुना है। डिटॉक्स का सीधा मतलब होता है अंदर भरे टॉक्सिन को निकालकर बाहर करना, ताकि लाइफ बेहतर चलती रहे। खाने-पीने में बरती गई लापरवाही के बाद लोग बॉडी डिटॉक्स का रास्ता अपनाते हैं। इन सभी तरह के डिटॉक्स की तरह ही एक डिटॉक्स ट्रीटमेंट है सोशल मीडिया डिटॉक्स। यह आज की ज़रूरत बनता जा रहा है।
जिस तरह सोशल मीडिया हमारी ज़िंदगी का हिस्सा बन चुकी है, उसी तरह कई बार यह हमारे सुख-दुख की वजह भी बनती है। जैसे खाने का कनेक्शन फिजिकल हेल्थ से जुड़ा हुआ है, वैसे ही सोशल मीडिया का कनेक्शन मेंटल हेल्थ से है। आज हम इस वर्चुअल दुनिया से इस हद तक जुड़े हैं कि यहां नज़र आने वाली चीज़ें हमें गहराई तक प्रभावित करती है। चलिए जानते हैं बीच-बीच में समय निकालकर सोशल मीडिया डिटॉक्स क्यों ज़रूरी है और इसे कैसे कर सकते हैं-
सोशल मीडिया डिटॉक्स क्यों है ज़रूरी?
आज सोशल मीडिया के इतने विकल्प हमारे पास मौजूद है, जिन्हें अपनाकर हम अपना टाइम आसानी से पास कर सकते हैं। इतना ही नहीं इसके साथ-साथ हम लेटेस्ट ट्रेंड, देश-दुनिया में घटने वाली चीज़ें और अपने जानने वालों की ज़िंदगी में चल रही चीज़ों का आसानी से पता लगा सकते हैं। एक स्वाइप या स्क्रॉल हमें जानकारियों से भर देता है। अलग-अलग लोगों की ज़िंदगी में चल रही चीज़ें कई बार हमारे दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव भी डालती है, जिससे हम अपना मेंटल पीस खो देते हैं। ऐसे में सोशल मीडिया पर सारे दिन ऑनलाइन रहने वाली अपनी आदत से हमें ब्रेक लेने की ज़रूरत होती है, वरना ये आदत हमारे मेंटल पीस और सेल्फ सैटिस्फैक्शन को खत्म करने लगती है।
सोशल मीडिया डिटॉक्स के तरीके:-
- सालों-साल सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने की आदत एकदम से खत्म करना मुश्किल है। ऐसे में अपने लिए डिटॉक्स का वक्त ऐसा चुनें, जब आपको पता हो कि आपके पास व्यस्त रहने के कई विकल्प मौजूद हैं।
- फोन को डू नॉट डिस्टर्ब या साइलेंट मोड में रखें। इससे बार-बार नोटिफिकेशन ट्यून की आवाज़ आप तक नहीं आएगी और आपका ध्यान अपने काम में लगा रहेगा।
- जिस वक्त आपके पास खाली वक्त होता है, उसी वक्त लोग आमतौर पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में अपने फ्री टाइम में कोई एक्टिविटी ज्वॉइन करें, ताकि मीडिया का इस्तेमाल खुद-ब-खुद कम होने लगे।
- अपने गैजेट का इस्तेमाल कुछ नया सीखने के लिए करें। इससे आपका समय सही तरह से यूज होगा और सोशल मीडिया एडिक्शन भी कम होगा।
- हर दिन आप कितना समय सोशल मीडिया पर समय दे रहे हैं, इसे ट्रैक करें। जब आपको समय फालतू खर्च होने का अहसास होगा, तब आप खुद ही सोशल मीडिया से दूरी बनाना शुरू कर देंगे।