डायबिटीज की समस्या को ठीक करने के लिए करें ये योगासन…

योग। योग के नियमित अभ्यास की आदत शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत के लिए आवश्यक माना जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ पाचन अंगों के लिए भी नियमित रूप से योग की आदत बनाने को लाभकारी मानते हैं। अग्न्याशय के कार्यों को बेहतर रखने में भी इससे लाभ प्राप्त किया जा सकता है। अग्न्याशय, खाद्य पदार्थों को तोड़ने के लिए अग्नाशयी एंजाइम नामक प्राकृतिक रस बनाता है। डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के लिए भी इस अंग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
अग्न्याशय, इंसुलिन का उत्पादन करता है। मधुमेह वाले लोगों में, अग्न्याशय या तो बहुत कम या बिल्कुल भी इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है। ऐसे में कुछ योगासनों को दिनचर्या का हिस्सा बनाकर इस अंग के कार्यों को बेहतर बनाए रखने में मदद मिल सकती है।यह डायबिटीज की समस्या को ठीक करने और पाचन को बढ़ावा देने में भी मददगार हो सकता है। आइए जानते हैं कि इस अंग के लिए नियमित रूप से कौन से योग का अभ्यास करना लाभकारी हो सकता है?

मयूरासन योग :-
अग्न्याशय के कार्यों को बेहतर बनाने और डायबिटीज की समस्या से राहत पाने के लिए विशेषज्ञ मयूरासन योग के अभ्यास की सलाह देते हैं। मयूरासन पेट, आंत, लिवर, अग्न्याशय और किडनी सहित पेट के अन्य कई अंगों को मजबूत और सक्रिय करता है। इस योग के अभ्यास से इंसुलिन के स्राव को ठीक करने में भी मदद मिल सकती है। योग विशेषज्ञ कहते हैं, यह अभ्यास फेफड़ों को भी उत्तेजित करके रक्त परिसंचरण में सुधार करने और श्वसन विकारों के जोखिम को कम करने में सहायक है।

गोमुखासन योग :-
गोमुखासन योग का अभ्यास हर उम्र के लोग आसानी से करके कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं। किडनी और अग्न्याशय को उत्तेजित करने में इसके लाभ देखे गए हैं। साइटिका और उच्च रक्तचाप की समस्या से परेशान लोगों के इलाज के साथ रीढ़ को लचीला और मजबूत बनाने के साथ शारीरिक मुद्रा को ठीक रखने में इस योग के अभ्यास के लाभ हो सकते हैं। इस योग के नियमित अभ्यास से कई प्रकार के लाभ हैं।

उत्तानासन योग :-
फॉरवर्ड बेंड या उत्तानासन पोज, सामने की तरफ सीधे झुकने का अभ्यास है।  यह कूल्हों, हैमस्ट्रिंग और पैरों के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है। पाचन अंगों के कार्यों को बेहतर बनाए रखने में भी उत्तानासन योग के लाभ देखे गए हैं। इंसुलिन के स्राव को बढ़ाने और रीढ़, गर्दन और पीठ के तनाव को दूर करने में इस योग के नियमित अभ्यास के लाभ हैं। यह अंग पेट की मांसपेशियों को सक्रिय करता है जिससे पाचन स्वास्थ्य में सुधार होता है।

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