टेक्नोलॉजी। अब केंद्र सरकार चाइनीज एप और मोबाइल गेम के बाद जुआ या स्किल वाले ऑनलाइन गेम पर नकेल कसने की तैयारी कर रही है। एक सरकारी दस्तावेज के मुताबिक, प्रधानमंत्री कार्यालय ने उस प्रपोजल को नकार दिया जिसमें केवल स्किल आधारित खेलों को नियंत्रित करने की बात कही गई थी। अब स्किल और जुआ संबंधी सभी तरह के गेम, जिनमें पैसा शामिल होता है, सरकार के रेगुलेशन के दायरे में होंगे। यानी जिन भी गेम से धन कमाया जाता है, उन सभी पर सरकार की नजर होगी।
भारत में तेजी से बढ़ रहा गेमिंग सेक्टर :-
दरअसल, बहुप्रतीक्षित विनियमों को भारत के गेमिंग सेक्टर के भविष्य को आकार देते हुए देखा जा रहा है, जिसके बारे में शोध फर्म रेडसीर का अनुमान है कि 2026 तक भारत में गेमिंग सेक्टर की वैल्यू 7 बिलियन डॉलर लगभग 57,000 करोड़ रुपये के लगभग होगी। इसने से रियल-मनी गेम का प्रभुत्व अधिक होगा। बता दें कि ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर को भारत में पिछले दिनों बहुत रफ्तार मिली है। टाइगर ग्लोबल और सिकोइया कैपिटल ने हाल के वर्षों में फैंटेसीक्रिकेट के लिए लोकप्रिय भारतीय स्टार्टअप ड्रीम 11 और मोबाइल प्रीमियर लीग का समर्थन भी किया है।
भारत में गेम्स को परिभाषित करना विवादास्पद :-
दरअसल, गेम्स को परिभाषित करना भारत में विवादास्पद रहा है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि ताश का गेम उदाहरण के लिए रम्मी और कुछ फैंटसी गेम कौशल-आधारित और कानूनी हैं, जबकि विभिन्न राज्य अदालतों ने पोकर जैसे खेलों के बारे में अलग-अलग विचार रखे हैं।
नियम बना रही सरकार :-
रिपोर्ट के अनुसार, सरकार जुआ या स्किल वाले ऑनलाइन गेम पर नकेल कसने के लिए नया नियम बना सकती है। नियम बनाने की कड़ी में 3 लोग मुख्य रूप से शामिल हैं। इनमें नई दिल्ली के दो सरकारी अधिकारी हैं। नए नियमों में संघीय प्रशासन को सभी प्रकार के खेलों के व्यापर निगरानी रखने की आजादी होगी जबकि राज्य सरकार को जुए वाले खेलों पर प्रतिबंध लगाने के अधिकार होंगे।