पुष्कर/राजस्थान। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा श्रीरामावतार का कारण एवं श्रीरामजन्म की कथा-भगवान के अवतार का प्रधान कारण भक्तों का प्रेम है। असुर मारि थापहिं सुरन्ह राखहिं निज श्रुति सेतु। जग विस्तारहिं विशद जस रामजन्म कर हेतु। भगवान अवतार लेकर तीन कार्य करते हैं, दुष्टों का संहार, सज्जनों की रक्षा, अर्थात् अधर्म का नाश और धर्म की स्थापना करते हैं। इस क्रम में जो भगवान की लीला होती है, वही लीला रामायण, भागवत, शिवपुराण अदि धर्मशास्त्रों के रूप में हम भारतवासियों को प्राप्त है, जिसे गा-सुनकर भक्तजन जीवन जीने की शिक्षा प्राप्त करते हैं।श्रीरामावतार के कारण में जयविजय की कथा, सती वृंदा की कथा, देवर्षि नारद जी की कथा, स्वायंभू मनु महाराज की कथा एवं प्रताप भानु की कथा का भगवान शिव ने गान किया है। रामायण में श्री राम जन्म की कथा से पहले रावण के जन्म की कथा है। सही भी है, विमारी पहले जन्म लेती है, औषधि बाद में तैयार की जाती है, समस्या पहले पैदा होती है समाधान बाद में ढूंढा जाता है, अंधकार पहले होता है प्रकाश बाद में किया जाता है। रावण और रावण का चरित्र समाज के लिये विमारी, अंधकार, और समस्या है। भगवान श्री राम और उनका चरित्र बीमार समाज के लिए औषधि रूप है। हमारे-आपके जीवन में भी बड़ी-बड़ी समस्याएं हैं, अगर हम भगवान् की आराधना उपासना करें,भगवान् हमारे-आपके जीवन में आ जायें,तो जीवन की सारी समस्या, अज्ञान और हमारी विमारी का पता भी नहीं लगेगा। सब कुछ ठीक होगा, इसीलिए परमात्मा की आराधना उपासना जनमानस के द्वारा की जाती है। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कालोनी, दानघाटी,बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)।