कानपुर। कानपुर में महिला के दिल में बने छोटी फुटबॉल जैसे गुब्बारे का कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में सफल ऑपरेशन हुआ है। इंस्टीट्यूट के निदेशक ने दावा किया है कि यह विश्व का सफल ऑपरेशन है। दरअसल, जालौन की रोगी सोनी द्विवेदी (37) के हृदय के बाएं चैंबर की दीवार कमजोर हुई तो खून के जमाव से गुब्बारा बन गया था। खून का थक्का जमने के कारण यह भारी हो गया और छाती के नीचे फेफड़ों तक लटक आया था। इससे हृदय ने काम करना कम कर दिया। रोगी को लेटने, बैठने और सांस लेने में दिक्कत होती थी। कई अस्पतालों में भटकने के बाद महिला की सर्जरी कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में की गई। इसे मेडिकल की भाषा में लेफ्ट वेंट्रिकल एन्यूरिज्म कहते हैं।
हृदय के चैंबर में इतने बड़े एन्यूरिज्म का यह पहला सफल ऑपरेशन बताया जा रहा है। ऑपरेशन करने वाले इंस्टीट्यूट के एसोसिएट प्रोफेसर कार्डिएक सर्जन डॉ. नीरज कुमार ने बताया कि अब तक आठ सेमी तक के एन्यूरिज्म के सफल ऑपरेशन हुए हैं। बता दें कि सोनी द्विवेदी के एन्यूरिज्म का साइज 12 सेमी का था, जो छोटी फुटबाल के बराबर था। रोगी सोनी द्विवेदी मंगलवार को डॉ. नीरज कुमार की ओपीडी में फॉलोअप में दिखाने आईं थीं। सर्जरी होने के बाद वह स्वस्थ हैं। डॉ. कुमार ने बताया कि रोगी को आठ महीने पहले तकलीफ हुई थी। पहले उन्होंने जालौन के राजकीय मेडिकल कॉलेज में दिखाया था। इसके बाद दूसरे अस्पताल और एसजीपीजीआई लखनऊ भी दिखाने गईं। मर्ज की डायग्नोसिस नहीं हो पाई। बाद में वे कार्डियोलॉजी आईं। जहां जांच के बाद उन्हें लेफ्ट वेंट्रिकल एन्यूरिज्म की पुष्टि हुई। खून के जमने से गुब्बारा बना चैंबर भारी भी हो गया था। ऐसा केस बहुत बड़ी चुनौती होता है।
अगर गुब्बारे बन हिस्से को काट दिया जाए तो फिर हृदय का बहुत कम हिस्सा बचता है। रोगी की 15 नवंबर को सर्जरी की गई। ऑपरेशन में छह घंटे लगे। इस केस को कार्डियोलॉजी प्रबंधन विभिन्न अंतरराष्ट्रीय जर्नल में भेजकर दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करेगा। डॉ. कुमार ने बताया कि अभी तक मेडिकल लिटरेचर में ऐसा केस नहीं दिया गया। लेफ्ट वेंट्रिकल एन्यूरिज्म का इतना बड़ा ऑपरेशन सफलता से हुआ है। अभी तक इतने साइज के एन्यूरिज्म का सफल ऑपरेशन विश्व में रिकार्ड नहीं किया गया। इसे कार्डियक सर्जरी के विश्व पटल पर रखा जाएगा।