पुष्कर/राजस्थान। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, सुमिरि पवनसुत पावन नामू । अपने बस करि राखे रामू।। श्री हनुमान जी महाराज प्रभु श्री राम के नाम का जप करते हैं। ”श्री राम जय राम जय जय राम “यह तेरह अक्षर का महामंत्र है। हनुमान जी सदा इसे जपा करते हैं। “श्री राम जय राम जय जय राम ” स्वामी समर्थ रामदास जी इसी मंत्र का जप करते थे। गोदावरी के तट पर तेरह करोड़ इस मंत्र का जप किया उन्होंने और उन्हें भगवान् राम ने साक्षात् दर्शन देकर कृतार्थ किया।स्वामी समर्थ रामदास जी अपने दास बोध ग्रंथ में लिखते हैं- एक करोड़ जो “श्री राम जय राम जय जय राम” जपता है, उसके शरीर की बीमारियां खत्म हो जाती हैं।दो करोड़, जो “श्री राम जय राम जय जय राम” का जप करे- उसके दुकान में घाटा चल रहा हो तो घाटा बंद होना प्रारंभ हो जाता है। तीन करोड़ राम नाम जपले अगर कोई व्यक्ति, उसको कोई धोखा नहीं दे सकता, जो धोखा देना चाहेगा वह स्वयं धोखा खायेगा। चार करोड़ जो राम नाम का जप कर ले वह कोठी कार वाला हो जायेगा। उसकी जिंदगी में संपत्ति कभी कम नहीं होगी। पाँच करोड़ राम नाम जपने वाला मूर्ख हो तो भी विद्वान हो जायेगा और छः करोड़ नाम जप ले तो काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मात्सर्य रूपी शत्रुओं पर विजय पाने की क्षमता प्राप्त होगी। सात करोड़ नाम जप ले तो पत्नी अरुंधति, अनुसुइया, सावित्री जैसी पतिव्रता प्राप्त होगी जो स्वयं भजन करेगी और उसे भी करायेगी और उसका बेड़ा पार कर देगी। पत्नी यदि पतिव्रता हो तो नर्क जाते पति को भी निकाल कर स्वर्ग में बैठा देगी। आठ करोड़ इस मंत्र का जप करने वाला व्यक्ति बीमार नहीं होगा, स्वस्थ रहेगा, अकाल मृत्यु से बचेगा। पूर्ण आयु प्राप्त कर लेगा।एक सौ पचीस वर्ष की आयु।नौ करोड़ नाम जप ले तो सोया हुआ भाग्य जाग उठे। दस करोड़ नाम जप ले, मिट्टी छुये तो सोना हो जायेगा।हर व्यापार में सफलता मिलेगी। ग्यारह करोड़ नाम जप लें तो दस इंद्रिय और एक मन ग्यारह के दोष सदा के लिये निवृत हो जायेंगे। बारह करोड़ इस मंत्र का जप कर ले तो प्रारब्ध जनित दुःख भी मिट जायेंगे और तेरह करोड़ इस मंत्र का जप कर ले तो भगवान श्रीराम का साक्षात् दर्शन हो जायेगा। ऐसा समर्थ गुरु रामदास जी महाराज अपने दासबोध में लिखते हैं और उन्होंने कहा कि मुझे दर्शन हुआ। आप छत्रपति शिवाजी के गुरु थे। समस्याएं सबकी अलग-अलग हो सकती हैं लेकिन समाधान सबका एक ही है। हरि सुमिरन, परमात्मा का भजन। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कालोनी, दानघाटी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)।