नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के मौके पर चीफ गेस्ट के तौर पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी दिल्ली पहुंच गए हैं। हवाई अड्डा पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी आज राष्ट्रपति भवन पहुंचे, जहां उनका पूरे राजकीय सम्मान से स्वागत किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन में उनका स्वागत किया। राष्ट्रपति अल सीसी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच आज अहम बातचीत होनी है, जिसमें कारोबार, रक्षा समेत कई अहम मुद्दों पर बातचीत होगी।
मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी अपनी यात्रा के दौरान कई मुद्धों को लेकर भारत के साथ समझौता भी कर सकते हैं। मिस्र इस समय आर्थिक संकट से गुजर रहा है और उसकी मदद के लिए कई अरब देश भी आगे नहीं आ रहे हैं। हाल ही में भारत ने जब गेहूं के निर्यात पर पाबंदी लगाई थी, तब भी मिस्र को गेहूं की कई टनों की खेप भेंज भारत ने उसकी मदद की थी।
कौन हैं मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ? राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी को मिस्त्र का ताकतवर नेता माना जाता है। उन्होंने अपने देश में राजनीतिक स्थिरता पैदा की है। सिसी ने मिस्त्र में सत्ता पाने के बाद अपनी पकड़ काफी मजबूत कर ली है। राष्ट्रपति बनने से पहले वो मिस्र के सेना अध्यक्ष थे। लेकिन उन्होंने राजनीति में ऐसा खेल, खेला कि जुलाई 2013 में राष्ट्रपति मोहम्मद मोर्सी को सत्ता से हटा दिया और वह खुद मिस्त्र के राष्ट्रपति बन गए।
एक रिपोर्ट के अनुसार, सीसी मिस्र के राजनीतिक पटल पर वर्ष 2011 से उभरने शुरू हुए, जब उन्हें सेना में जनरल रहते हुए सशस्त्र बलों की सर्वोच्च परिषद का सदस्य नामित किया गया। अब्देल फतह अल-सिसी एक कट्टर मुसलमान माने जाते थे और इसी वजह से सेना ने उन्हें मुस्लिम ब्रदरहुड से संपर्क रखने का जरिया बनाया। मुस्लिम ब्रदरहुड इस्लामिक आंदोलन को बढ़ावा देने वाला संगठन था। जिस पर अब बैन लगा दिया गया है। जून 2012 में मुस्लिम ब्रदरहुड के प्रमुख शख्सियत मुहम्मद मोर्सी मिस्र के राष्ट्रपति बने।