उज्जैन। सनातन धर्म में नदियों को जीवनदायी मानने के साथ मां का दर्जा दिया गया है। भारत में गंगा, यमुना, सरस्वती, नर्मदा, सरयू और गोदावरी जैसी पवित्र नदियों की पूजा की जाती है। गंगा माता की तरह नर्मदा देवी की भी हर वर्ष पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के मुताबिक माघ शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को पूरे देश में नर्मदा जयंती मनाई जाएगी। इस वर्ष 28 जनवरी को मध्यप्रदेश में मां नर्मदा की जयंती मनाई जाएगी।
हर साल की तरह इस बार भी ज्योतिर्लिंग श्री महाकालेश्वर मंदिर में नर्मदा जयंती उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। शनिवार 28 जनवरी को शाम 6:00 बजे गोधूलि बेला में कोटितीर्थ कुंड पर माता नर्मदा का पंचामृत अभिषेक पूजन होगा। साथ ही 5000 दीपक से दीपमालिका सजाई जाएगी।
रामघाट पर भी होगा पूजन अर्चन :-
रामघाट तीर्थ पुरोहित समिति द्वारा मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पर नर्मदा जयंती उत्सव मनाया जाएगा। धर्माधिकारी तीर्थ पुरोहित पं. गौरव नारायण उपाध्याय ने बताया कि गोधूलि बेला में माता शिप्रा–नर्मदा का पंचामृत अभिषेक–पूजन कर महाआरती की जाएगी।
मां नर्मदा सभी पापों को करती हैं नष्ट :-
नर्मदा नदी को भारत की सात पवित्र नदियों में से एक माना गया है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक, माघ शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को नर्मदा में स्नान कर इनकी पूजा करने पर भक्तों के जीवन में आर्थिक समृद्धि के साथ सुख-शान्ति आती है। विष्णु पुराण में बताया गया है कि नाग राजाओं ने मिलकर नर्मदा मां को वरदान दिया था कि, जो भक्त उनके सच्चिदानंदमयी और कल्याणमयी जल में स्नान कर उनका स्मरण करेगा उस व्यक्ति के तमाम पाप नष्ट हो जाएंगे। उसके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाएंगे। इसलिए मां नर्मदा को मोक्षदायिनी भी कहा जाता है।