लाइफस्टाइल। बढ़ती उम्र के साथ-साथ झुर्रियां, ढीली त्वचा, बड़े रोम छिद्र, निशान और स्किन की कोमलता को नुकसान पहुंचना लाजिमी है। ये जैविक परिवर्तन अधिकतर तब होते हैं जब कोलेजन का निर्माण कम होने लगता है। यानी कोलेजन ही स्किन को जवां बनाने के लिए जिम्मेदार है। रेड लाइट थेरेपी बायो स्टीमुलेटर है जो कोलेजन प्रोडक्शन को बढ़ाता है जिसके कारण नई-नई कोशिकाओं का भी निर्माण होने लगता है और इससे स्किन जवां दिखने लगती है। आजकल रेड लाइट थेरेपी इसी वजह से लोकप्रिय होती जा रही है।
डर्मेटोलॉजिस्ट के मुताबिक रेडलाइट थेरेपी के कारण फाइब्रोब्लास्ट सेल्स का विकास और रिप्रोडक्शन बढ़ जाता है। फाइब्रोब्लास्ट के कारण ही कोलेजन और इलास्टिन का निर्माण होता है जिसके कारण स्किन मुलायम, कोमल और जवान दिखती हैं।
क्या है रेड लाइट थेरेपी
रेड लाइट थेरेपी एंटी-एजिंग प्रक्रिया है जिसमें रेड लाइट के माध्यम से स्किन पर फाइन लाइन्स, झुर्रियों और दाग-धब्बों को खत्म किया जाता है। यानी उम्र से संबंधित जो-जो खामियां स्किन में आती हैं, उन सबको फिर से सही कर देती है रेड लाइट थेरेपी। इसके कारण स्किन के नीचे सूजन नहीं होती जिससे नई कोशिकाओं को रिजेनरेट होने में सहायता मिलता है। रेड लाइट थेरेपी में लो वेव लेंग्थ की रेड लाइट को स्किन में पहुंचायी जाती है। इसमें बहुत कम पावर का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए सॉफ्ट लेजर थेरेपी की हेल्प ली जाती है या कोल्ड लेजर थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। रेड लाइट थेरेपी में फोटोडायनामिक थेरेपी का भी इस्तेमाल किया जाता है। इस थेरेपी में लो पावर रेड लेजर लाइट में फोटोसेंसिटाइजर मेडिसीन का भी इस्तेमाल किया जाता है। इससे स्किन में केमिकल रिएक्शन होता है। इसका यूज वार्ट, पिंपल्स और स्किन कैंसर में भी किया जाता है।
रेड लाइट थेरेपी के फायदे :-
-स्किन पर हर तरह के घाव को भर देती है।
-स्ट्रेच मार्क के निशान कम करती है।
-उम्र के कारण निकलने वाले धब्बे, झुर्रियां और महीन रेखाएं कम करती है।
-चेहरे की बनावट यानी टेक्सचर को सॉफ्ट बना देती है
-एक्जिमा, रोसैसिया और सोरोसिस का इलाज भी हो जाता है।
-घाव के निशान कम करती है।
-धूप के कारण क्षतिग्रस्त त्वचा की मरम्मत करती है।
-मुहांसे का इलाज करती है. हेयर ग्रोथ को भी प्रोत्साहित करती है।