लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान पूर्व सीएम अखिलेश यादव को करारा जवाब दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामचरितमानस विवाद पर समाजवादी पार्टी को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि एक पवित्र ग्रन्थ को फाड़ा गया और उसे जलाया गया। क्या यह सनातन धर्म का अपमान नहीं था। सीएम योगी ने उस विवादित चौपाई का भी अर्थ समझाया जिसको लेकर विवाद शुरू हुआ था।
मुख्यमंत्री ने कहा चौपाइयों की सही व्याख्या होनी चाहिए। तुलसीदास जी ने रामचरितमानस की रचना अवधी में की है। अवधि में ताड़न का क्या अर्थ होता है? उन्होंने कहा कि ताड़न का अर्थ होता है ध्यान देना, उचित शिक्षा देना। उन्होंने कहा शूद्र का मतलब क्या है। शूद्र का मतलब श्रमिक वर्ग से है। बाबा साहेब अंबेडकर ने कहा था कि दलित को कोई शूद्र नहीं कहेगा, लेकिन आपने उसका भी ख्याल नहीं रखा। उन्होंने रामचरितमानस की एक चौपाई के साथ तंज भी कसा और कहा- “जाको प्रभु दारुण दिख दीन्हा, ताकि मति पहले हर लेना।”
पॉलिटिकल क्रेडिबिलिटी पर भी दिया जवाब:-
सीएम योगी ने नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव द्वारा भाजपा की पॉलिटिकल क्रेडिबिलिटी पर सवाल उठाने पर कहा कि पॉलिटिकल क्रेडिबिलिटी का सबसे बड़ा प्रमाण जनता का आदेश है। जनता ने भाजपा के पक्ष में लगातार लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 के साथ ही यूपी विधानसभा चुनाव 2017 और 2022 में जनादेश दिया है। यह पॉलिटिकल क्रेडिबिलिटी का सबसे बड़ा प्रमाण है।
यूपी में काबा… पर सीएम योगी ने दिया जवाब:-
सीएम योगी ने सरकार की उपलब्धियों का वर्णन किया और कहा कि अब भी लोग पूछते हैं कि यूपी में का बा…। यूपी में का बा… का जवाब है यूपी में बाबा…।