यात्रा। रंगों के त्योहार होली 6 और 7 मार्च को मनाया जा रहा है। 6 मार्च को होलिका दहन है और 7 मार्च व कुछ जगहों पर 8 मार्च को रंगों की होली खेली जाएगी। होली को पूरे देश में बहुत धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया जाता है। भारत में होली के त्योहार की अलग परंपरा और प्रथाएं हैं। कुछ जगहों पर रंग वाली होली अधिक उत्साह से मनाते हैं, तो कुछ क्षेत्रों में होलिका दहन की खास परंपरा है। भारत की होली में शामिल होने के लिए दूर दराज से लोग आते हैं। भारत की कई जगहों पर होली काफी मशहूर है। अगर होली के मौके पर घर से बाहर कहीं घूमने जाने की योजना है, तो भारत की ऐसी जगहों पर जाएं, जहां होली सबसे लोकप्रिय है। आइए जानते हैं देश की मशहूर होली स्थलों के बारे में-
मथुरा-वृंदावन की लठमार होली3-
भारत में सबसे मशहूर होली उत्तर प्रदेश के मथुरा-वृंदावन में मनाई जाती है। श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा में लट्ठमार होली खेली जाती है। मथुरा के द्वारिकाधीश मंदिर और वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में होली का जश्न देखने लायक होता है। यहां लट्ठमार होली की परंपरा है, जिसमें महिलाएं डंडों या लट्ठ से पुरुषों को खेल में मारती हैं और रंग लगाती हैं।
बरसाना की लड्डू और छड़ीमार होली:-
लठमार होली की तरह ही बरसाना में छड़ीमार होली खेली जाती है। बरसाना की होली में महिलाएं प्रतिकात्मक तौर पर पुरुषों को लट्ठ या छड़ी से मारती हैं। पुरुष ढाल से रक्षा करते हैं। इसके अलावा होली से कुछ दिन पहले लड्डू मार होली खेली जाती है। मंदिर में पंडित लड्डू का भोग लगाते हैं, जिसके बाद भक्तों पर लड्डू फेंकते हैं। यहां लोग अबीर-गुलाल की होली भी खेलते हैं।
हंपी की होली:-
कर्नाटक के हंपी शहर में होली का उत्सव बेहद अनोखा होता है। हंपी की होली को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। लोग यहां हंपी की ऐतिहासिक गलियों में ढोल-नगाड़ों की थाप पर जुलूस निकालते हुए नाचते गाते निकलते हैं। रंग खेलने के बाद तुंगभद्रा नदी और सहायक नदियों में स्नान करने जाते हैं।
केरल की होली:-
केरल में होली मंजुल कुली और उक्कुली के नाम से मनाई जाती है। केरल की होली रंगों से नहीं खेली जाती है। यहां होलिका दहन होता है और प्राकृतिक तरीके से होली मनाते हैं।