पैरेंटिंग। सभी पैरेंट्स यह चाहते हैं कि उनका बच्चा दुनिया का सबसे अच्छा इंसान बनें और एक आदर्श संतान बनें। लेकिन पैरेंटिंग में कुछ कमी की वजह से वे अपने बच्चों को ऐसा नही बना पाते हैं। यह बात पैरेंट्स के लिए काफी फ्रस्टेशन से भरी होती है और वे बच्चों को सीख देने के लिए बार-बार डांटते लगते हैं। लेकिन बच्चों पर माता-पिता के इस बर्ताव का असर और भी बुरा पड़ सकता है। अगर आप भी अपने बच्चों के गलत व्यवहार से परेशान हैं तो यहां हम आपकी समस्या का समाधान बता रहें है।
साथ गुजारें वक्त-
रोज कम से कम आधा घंटा उनके साथ खेलने के लिए समय निकालें और उस समय पूरा ध्यान बच्चों के साथ खेल पर लगाएं। इस तरह बच्चा यह समझेगा कि आपके लिए वो मायने रखते हैं। इस दौरान आप अपने फोन को दूर रखें और पूरा ध्यान खेल पर लगाएं।
धैर्य रखें-
बच्चों के साथ बात करते वक्त धैर्य रखें और अपने बात करने के टोन को अच्छा बनाएं। आप अगर बच्चों की बात से परेशान हो रहे हैं तो भी आपको धैर्य के साथ काम लेना चाहिए। यदि आप उनके साथ खराब बर्ताव करेंगे, तो वे भी आपके साथ ऐसा कर सकते हैं।
धीमी आवाज में करें बात-
इस बात को हमेशा याद रखें कि अगर आपका बच्चा हर वक्त अपनी बात चलाता है और मना करने के बाद भी वह काम करता है तो समझ जाएं कि बच्चा आपका अटेंशन चाहता है। ऐसे में अगर बच्चा जोर-जोर से बात कर रहा हो तो आप उतना ही धीमी गति और आवाज में बात करें। धीरे धीरे बच्चा भी चिल्लाकर बात करने की बजाय धीमी गति से बात करना सीख जाएगा।
हर वक्त ना करें रोक टोक-
अगर आप हर वक्त बच्चों को करेक्ट करने का प्रयास करेंगे तो वे इरिटेट हो सकते हैं। यही नहीं, उनका आत्मविश्वास भी कम होगा। इसलिए हर वक्त उन्हें रोक टोक ना करें और उन्हें खुद भी निर्णय लेने की आजादी दें। यकीन मानिए, आपके बच्चे के व्यवहार में काफी अंतर दिखने लगेगा।