नई दिल्ली। बुधवार को केंद्र ने हनुमान जयंती के मद्दनेजर सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को त्योहार के दौरान कानून-व्यवस्था एवं शांति सुनिश्चित करने और समाज में साम्प्रदायिक सद्भाव को बाधित करने की आशंका वाले कारकों पर नजर रखने का निर्देश दिया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले सप्ताह रामनवमी के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में हुई सांप्रदायिक हिंसा को ध्यान में रखते हुए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह परामर्श जारी किया हैं।
गृह मंत्री के कार्यालय ने ट्वीट किया कि राज्य / केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों को कानून-व्यवस्था बनाए रखने, त्योहार के दौरान शांति कायम रखने और समाज में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की आशंका वाले हर प्रकार के कारक पर नजर रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इस वर्ष हनुमान जयंती छह अप्रैल को मनाई जाएगी। वहीं कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को हनुमान जयंती समारोहों के दौरान शांति बनाए रखने में राज्य पुलिस की मदद के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती की अपील करने का बुधवार को निर्देश दिया.
कोर्ट ने कहा कि हाल के दिनों में हुई घटनाओं को देखते हुए आम जनता को यह आश्वासन देने के लिए आदेश दिया जा रहा है कि वे सुरक्षित हैं और किसी तरह की परेशानी का उन्हें सामना नहीं करना पड़ेगा। पिछले सप्ताह रामनवमी के जुलूस के दौरान तथा बाद में हावड़ा और हुगली जिलों में कुछ स्थानों पर दो गुटों के बीच झड़प हो गई थी।
इसस पहले राम नवमी के दिल जुलूस के दौरान कई राज्यों में हिंसा हुई थी। पश्चिम बंगाल और बिहार में हिंसा के चलते माहौल तनावग्रस्त हो गया है। इसके चलते गृह मंत्रालय ने दोनों राज्यों से रिपोर्ट मांगी है। इसके अलावा जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी समेत 16 मुस्लिम बुद्धिजीवियों और उलेमाओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सांप्रदायिक हिंसा, नफरत एवं ‘इस्लामोफोबिया’ (इस्लाम के प्रति दुराग्रह) और भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मार डालने (मॉब लिंचिंग) की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया।