पैरेंटिंग। अगर आपका बच्चा आपसे नाराज रहता है तो इसकी वजह आपका ओवर रिएक्ट करना और अपनी गलतियों को ना स्वीकारना हो सकता है। अक्सर हम यह सोचते हैं की मांफी मांगने का काम बड़ों का नहीं होता, लेकिन आपको बता दें कि ये सोच बिल्कुल गलत है और आपकी यह जिद ही बच्चे को आपसे दूर बनाने का काम कर सकती हैं। दरअसल, अगर आप किसी बात की जिम्मेदारी देते हैं और वह अच्छी तरह नहीं निभा पाते, जिसकी वजह से बच्चों को स्ट्रगल करना पड़ता है, तो उनके साथ हुई ऐसी घटनाएं उनके मन को आहत करती हैं। लेकिन अगर आप ऐसी घटनाओं को लेकर उनसे बात करें, घटना की जिम्मेदारी लें और माफी मांग लें तो यह उनके लिए भी सीख की तरह होती है। यही नहीं, पैरेंट्स को ये तरीका कई समस्याओं को जन्म लेने से भी रोक सकता है. यहां हम आपको बताते हैं कि पैरेंट्स को मांफी मांगने से क्या फायदे हैं।
गलतियों की लें जिम्मेदारी
सुसान शापिरो, जो न्यूयॉर्क टाइम्स बेस्टसेलिंग लेखक हैं, उन्होंने अपनी पुस्तक द फॉरगिवनेस टूर: हाउ टू फाइंड द परफेक्ट एपोलॉजी में लिखा है कि जब पैरेंट्स की किसी गलती से बच्चे को सफर करना पड़ता है या स्ट्रगल करना पड़ता है तो वह चाहता है कि माता पिता अपनी गलतियों को जानें और अपनी गलतियों को महसूस भी करें। यही नहीं, वे चाहते हैं कि माता पिता उन्हें सुनें, समझें और प्यार करें। यही नहीं, वे अपनी गलतियों के लिए उनसे सही तरीके से मांफी अवश्य मांगें।
बताएं इसकी वजह
अगर कभी आप बच्चों के साथ मिसबिहेव करें तो यह बहुत ही आवश्यक है कि आप तुरंत उनके सामने गलतियों को स्वीकार लें। यही नहीं, समय निकालकर आप उनसे बात करें और उन्हें बोलें कि दरअसल इसकी वजह क्या थी। आप उन्हें बता सकते हैं कि आप बहुत अधिक फ्रस्टेटेड थे और स्ट्रेस में थे, क्योंकि एक आवश्यक मीटिंग आप मैनेज नहीं कर पा रहे थे, ऐसे में बिना किसी वजह के आप अपना फ्रस्टेशन बच्चे पर उतार दिए। आप अपने गलत व्यवहार को स्वीकारें और मांफी मांग लें।
स्पष्ट और संक्षिप्त में बताएं
आप संक्षेप में और पूरी ईमानदारी के साथ बढ़ते बच्चों को यह बताएं कि दुनिया में कोई भी परफेक्ट नहीं होता और गलतियां किसी से भी हो सकती हैं। आप यह बता सकते हैं कि जीवन में गड़बड़ी सभी से हो सकती है और इसे माफी मांगकर ठीक भी किया जा सकता है। इस तरह अगर आप बढ़ते बच्चों से मांफी मांगते हैं तो वे भी सीखते हैं कि किसी को उनकी वजह से अगर दुख हुआ है या चोट लगी है तो मांफी मांगकर ठीक किया जा सकता है। इससे पैरेंट्स और बच्चों के बीच बॉन्डिंग भी बढ़ती है।