चंडीगढ़। लंबे समय से फरार चल रहा खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को आज गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद उसे मोगा जिले से गिरफ्तार करने के बाद डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया है। अमृतपाल के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उसपर एनएसए भी लगा दिया गया है। पंजाब पुलिस और इंटेलिजेंस ब्यूरो की संयुक्त कार्रवाई में अमृतपाल गिरफ्तार हुआ है। अमृतपाल 18 मार्च से ही फरार चल रहा था। पंजाब पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां लगातार उसकी तलाश में पंजाब के अलावा हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड के साथ-साथ भारत से लगी सीमाओं तक कर रही थी। अमृतपाल को पकड़ने के लिए देशभर में नेपाल बॉर्डर तक ऑपरेशन चलाए गए थे। वहीं पंजाब पुलिस ने ट्वीट कर अमृतपाल सिंह के गिरफ्तार होने की जानकारी दी।
पंजाब पुलिस ने ट्वीट करके बताया कि ‘अमृतपाल सिंह को आज मोगा जिले से गिरफ्तार किया गया है। साथ ही पुलिस ने नागरिकों से शांति और सद्भाव बनाए रखने का आग्रह किया है और कोई भी फर्जी खबर शेयर ना करने का निर्देश दिया है। हाल ही में अमृतपाल का सबसे खास साथी पप्पलप्रीत सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद बीते 15 अप्रैल को अमृतपाल का सबसे खास साथी जोगा सिंह फतेहगढ़ साहिब जिले से पकड़ा गया था। अमृतपाल लगातार पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को चकमा दे बच निकल रहा था। बता दें कि जनरैल भिंडरावाले के पैतृक गांव से अमृतपाल की गिरफ्तारी हुई।
इसी गांव में आयोजित एक समारोह में पिछले वर्ष सितंबर के महीने में अमृतपाल को वारिस पंजाब दे का प्रमुख बनाया गया था। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बताया गया कि अमृतपाल को पकड़ने का ऑपरेशन जॉइंट रहा है। काउंटर इंटेलिजेंस और पंजाब पुलिस की टीम ने मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है। अमृतपाल को डिब्रूगढ़ भेजे जाने के पीछे कारण यह माना जा रहा है कि पंजाब के जेल में अमृतपाल को रखे जाने के दौरान अमृतपाल अपना नेटवर्क बढ़ा सकता है। इसलिए उसे गैर हिंदी प्रदेश असम के जेल में रखा गया है।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक तीन-चार दिन पहले ही अमृतपाल मोगा पहुंचा था। 28 मार्च को होशियारपुर से फरार हुए अमृतपाल ने उस समय से लेकर अभी तक काफी जगह अपने ठिकाने बदले थे। बता दें कि अमृतपाल सिहं ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का चीफ है। वह अलग देश खालिस्तान की मांग कर रहा है। वह कुछ दिन पहले ही दुबई से लौटा था। ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन को पंजाबी अभिनेचा दीप सिद्धू ने बनाया था।
दीप सिद्धू की मौत के बाद अमृतपाल ने इसपर कब्जा कर लिया। उसने भारत से आकर संगठन में लोगों को जोड़ना शुरू किया। अमृतपाल के भारत वापस लौटने को ISI के प्लान का हिस्सा बताया जाता है। अमृतपाल सबसे पहले इसी साल 23 फरवरी को चर्चा में आया था। उसने अजनाला पुलिस स्टेशन में अपने करीबी को छुड़ाने के लिए हजारों समर्थकों के साथ हमला बोल दिया था। इस हमले में 6 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इसके बाद उसने कई टीवी चैनलों में दिये इंटरव्यू में अलग खालिस्तान की मांग की थी।