देहरादून। प्रदेश में सरकार ने रीवर राफ्टिंग और क्याकिंग गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए गंगा को छोड़कर सभी नदियों पर रीवर राफ्टिंग शुल्क तीन वर्ष के लिए माफ कर दिया है। इससे स्थानीय लोगों को साहसिक गतिविधियों में रोजगार के अवसर मिलेंगे।
नदियों पर रीवर राफ्टिंग के लिए पर्यटन और विभाग की ओर से संचालकों से प्रतिशत शुल्क लिया जाता है। राज्य में वर्तमान में 526 से अधिक रीवर राफ्टिंग गाइड पंजीकृत है। ऋषिकेश में गंगा में रीवर राफ्टिंग करने के लिए देश दुनिया से पर्यटक आते हैं। कौड़ियाला से लेकर ऋषिकेश तक राफ्टिंग की जाती है।
प्रदेश सरकार ने की अन्य नदियों पर रीवर राफ्टिंग को बढ़ावा देने और स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए शुल्क माफ किया है। इससे बागेश्वर, टनकपुर, रामनगर क्षेत्र में काली, सरयू, रामगंगा, कोसी के अलावा टौंस, यमुना, अलकनंदा नदियों में जल क्रीड़ा गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
स्थानीय लोगों को भी रोजगार उपलब्ध होगा
सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे ने बताया कि प्रदेश में साहसिक पर्यटन के तहत रीवर राफ्टिंग की काफी संभावना है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने गंगा को छोड़कर अन्य सभी नदियों पर रीवर राफ्टिंग शुल्क में तीन वर्ष तक छूट दी है। इससे स्थानीय लोगों को भी रोजगार उपलब्ध होगा।