NASA: स्पेस में किसी तारे में विस्फोट! चंद्रा टेलीस्कोप ने दी नए खतरे की जानकारी

नई दिल्ली।  NASA की चंद्रा एक्स-रे वेधशाला और दूसरे एक्स-रे टेलीस्कोप ने अंतरिक्ष में किसी तारे में विस्फोट होने के बाद पृथ्वी जैसे ग्रहों के लिए नए खतरे की खोज की है। नासा के खगोलविदों ने नासा के चंद्र एक्स-रे टेलीस्कोप और अन्य दूरबीनों से जुटाए गए आंकड़ों से इस खतरे का पता लगाया है। इस खतरे के बारे में रिपोर्ट करने वाली एक अध्‍ययन से पता चलता है कि एक विशिष्ट चरण के दौरान तारों में होने वाले विस्फोट से शक्तिशाली एक्स-रे 100 प्रकाश-वर्ष दूर मौजूद ग्रहों को भी प्रभावित कर सकते हैं। किसी सोलर सिस्टम के ग्रहों और उन पर जीवन की मौजूदगी के बारे में इस स्टडी की खोजें काफी महत्वपूर्ण हैं।

यह स्टडी 31 सुपरनोवा विस्फोटों और उसके बाद के एक्स-रे अवलोकनों पर आधारित है। ये शोध मुख्य रूप से NASA के चंद्रा एक्स-रे टेलीस्कोप, स्विफ्ट और एनयूस्टार मिशनों के साथ-साथ ईएसए के एक्सएमएम-न्यूटन से जुटाए गए डेटा की जांच करके किया गया है। शोध से पता चलता है कि लगभग 160 प्रकाश वर्ष दूर स्थित ग्रहों के भी एक्स-रे विकिरण की घातक मात्रा के संपर्क में आने का खतरा पैदा हो सकता है।

एक्स रे की भारी मात्रा का करीबी ग्रहों पर असर

NASA की एक ताजा ब्लॉग पोस्ट के अनुसार, अगर किसी करीबी ग्रह से बहुत बड़ा मात्रा एक्स रे निकलती है, तो उससे ग्रह की वायुमंडलीय संरचना में महत्वपूर्ण बदलाव होने की आशंका होती है। पृथ्वी जैसे ग्रह के मामले में इसके कारण ओजोन की मात्रा में एक बड़ी कमी हो सकती है, जो सूर्य से हानिकारक पराबैंगनी विकिरण से धरती पर जीवन की रक्षा करने वाला एक महत्वपूर्ण पहलू है। इसके अलावा इससे जीवों की एक बड़ी संख्या का खात्मा भी हो सकता है। विशेष रूप से धरती पर फूड चेन की आधार कई समुद्री प्रजातियां खत्म हो सकती हैं। जिसके कारण अंततः जीव विलुप्त हो सकते हैं।

क्या पृथ्वी खतरे में है?
इसका साफ जवाब है कि नहीं! बहरहाल पृथ्वी और सौर मंडल के दूसरे ग्रह मौजूदा वक्त में सुपरनोवा विस्फोटों की संभावना वाले तारों से एक बहुत सुरक्षित दूरी पर मौजूद हैं। लेकिन मिल्की वे के भीतर कई अन्य दूसरे ग्रह इस मामले में उतने भाग्यशाली नहीं हैं!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *