नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को एक सभा को संबोधित किया। सभा को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि वैश्विक स्तर पर हम धर्म के लिए आगे बढ़ रहे हैं। दूसरे देश बड़े होकर सिर्फ दूसरों पर डंडा चलाते हैं। पहले रूस चलाता था, फिर अमेरिका का वर्चस्व बढ़ा, फिर अमेरिका डंडा चलाने लगा। अब चीन आया है, अब वह अमेरिका को पछाड़ देगा, ऐसा लग रहा है।
यूक्रेन का साथ देने वाला देश है भारत
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि यूक्रेन को मोहरा बनाकर अमेरिका और रूस लड़ रहे हैं। दोनों भारत को कहते हैं, हमारे तरफ आओ, हमारा पक्ष लो। लेकिन भारत रूस-अमेरिका से कहता है कि आप भी हमारे दोस्त और आप भी हमारे दोस्त हो, और यह तीसरा जो आप दोनों के बीच दब गया है, वह भी हमारा दोस्त है। इसलिए पहले मैं इसकी मदद करुंगा। भारत का कहना है कि आप दोनों में से मैं किसी का पक्ष नहीं लेता। ये लड़ाई का जमाना नहीं है लड़ना बंद करो।
श्रीलंका की सिर्फ भारत ने मदद की
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि आज भारत धर्म के लिए आगे बढ़ रहा है। पहले श्रीलंका और चीन की दोस्ती थी, उन्होंने पाकिस्तान को दोस्त बना लिया, लेकिन हमें थोड़ा दूर रखा। अब जब श्रीलंका पर संकट आया तो किसने मदद की, कौन सामने आया, सिर्फ एक देश भारत।
उनका कहना है कि धर्म को मानने वाला देश कभी किसी का लाभ नहीं उठाएगा। परस्पर जीने के लिए हम एक दूसरे का लाभ उठाते हैं, लेकिन वह प्रेम का लेन-देन होता है। सौदा का लेन-देन नहीं होता। भागवत ने आगे कहा कि भारत लाभ ले रहा है, क्यों नहीं लेगा। लेकिन जब हमारे लाभ की आवश्यकता किसी और को है, हमारे कमाए हुए से कोई और भूखा जीवित रह सकता है तो भारत देने वाला देश है।