नई दिल्ली। फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक पर यूरोपियन यूनियन की गोपनीयता नियामकों ने 1.3 बिलियन डॉलर यानी करीब 10,765 करोड़ का जुर्माना लगाया है। यह फाइन अन्य देशों के फेसबुक-इंस्टाग्राम यूजर्स के डाटा को अमेरिका में भेजने के लिए लगाया गया है। यह जुर्माना Amazon.com इंक पर पिछले वर्ष लगे $821.20 मिलियन के जुर्माने से अधिक है।
दरअसल यह पूरा मामला यूरोपियन यूनियन के देशों से जुड़ा है। नियामक को इस बात का डर है कि यदि किसी देश के यूजर्स का डाटा अमेरिका पहुंचता है तो वह डाटा अमेरिकी खुफिया एजेंसी तक भी पहुंच सकता है। आयरलैंड के डाटा संरक्षण आयुक्त हेलेन डिक्सन के नेतृत्व में यूरोपीय संघ के नियामक फेसबुक द्वारा यूरोपीय उपयोगकर्ता डाटा को स्थानांतरित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले कानूनी उपकरण पर बैन करने को अंतिम रूप दे रहे हैं।
पिछले महीने ही उन्होंने कहा था कि आयरिश डीपीसी के पास फेसबुक के ट्रान्साटलांटिक डाटा ट्रांसफर को रोकने के लिए एक महीने का समय था। अब कहा जा रहा है कि मई के अंत तक प्रतिबंध लग सकता है जिसके बाद फेसबुक यूजर्स का डाटा ट्रांसफर नहीं कर पाएगा।
मालूम हो कि यूरोप की सर्वोच्च अदालत ने 2020 में फैसला सुनाया था जिसमें सर्विलांस का हवाला देते हुए ईयू-यूएस डाटा ट्रांसफर समझौता को अवैध बताया गया था। Meta को पिछले वर्ष डाटा ट्रांसफर को लेकर वार्निंग भी दी गई थी। उसके बाद यूरोप में फेसबुक की सेवा को भी सस्पेंड किया गया था।