Enforcement Directorate: प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन रोधी कानून के अतर्गत 898 करोड़ रुपये से अधिक की कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में महाराष्ट्र की एक स्टील कंपनी की 517 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की है। जिसकी जानकारी ईडी के ही एक अधिकारी ने दी। ईडी ने एक बयान में कहा कि भूमि, भवन और मशीनरी सहित संपत्तियां एसकेएस इस्पात एंड पावर लिमिटेड की हैं। धन शोधन रोकथाम अधिनियम के तहत इन संपत्तियों को कुर्क करने का अस्थायी आदेश जारी किया गया है और इनका कुल मूल्य 517.81 करोड़ रुपये है।
ईडी ने बताया कि यह जांच तिरुचिरापल्ली स्थित बॉयलर विनिर्माण कंपनी सेथार लिमिटेड के खिलाफ सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले से संबंधित है, जिसने मदुरै में इंडियन बैंक की एसएएम शाखा के नेतृत्व में उधारदाताओं के एक संघ से 895.45 करोड़ रुपये की क्रेडिट सुविधाओं का “लाभ” उठाया था।
15 करोड़ रुपये के धोखधड़ी मामलें में केस दर्ज
बताया जा रहा है कि सीबीआई ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, अहमदाबाद (गुजरात) की शिकायत पर एक निजी कंपनी श्री मांडवी विभाग सहकारी खंड उद्योग मंडली लिमिटेड और इसके प्रबंध निदेशक रविंद्रभाई पटेल और अन्य अज्ञात निजी व्यक्तियों और अज्ञात लोक सेवकों के खिलाफ केस दर्ज किया है। जिसमें आरोप लगाया गया था कि आरोपी ने अपने प्रबंध निदेशक और अन्य के माध्यम से उक्त 03 कंसोर्टियम बैंकों को संवितरित सावधि ऋण निधियों के दुरुपयोग, विपथन/गबन का सहारा लेकर धोखाधड़ी की थी और उक्त कंसोर्टियम बैंकों को 16.07.2022 को 55.39 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया था। सूरत (गुजरात) में स्थित आरोपी के 3 आधिकारिक और आवासीय परिसरों की तलाशी ली गई, जिसमें आपत्तिजनक दस्तावेज/वस्तुएं बरामद की गईं। मामले की जांच जारी है।