New Delhi: दक्षिण अफ्रीका के जोहांसबर्ग में ब्रिक्स देशों का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) सम्मेलन का आयोजन हुआ। खबर आ रही है कि इस सम्मेलन से इतर भारत के एनएसए अजित डोभाल ने सोमवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की। बता दें कि वांग विदेश मामलों के लिए बने कमीशन के मुखिया हैं। साथ ही साथ वह चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सेंट्रल कमेटी के सीनियर ऑफिशियल हैं। चर्चा के दौरान वांग ने डोभाल से दोनों देशों के बीच रिश्तों को स्थिर करने की बात कही। इसके जवाब में डोभाल ने भी दोनों देशों के आपसी हितों का जिक्र किया। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब भारत ने चीन की कार निर्माता कंपनी BYD के एक अरब डॉलर वाले प्रोजेक्ट को ठुकरा दिया है।
दोनों पक्षों को रणनीतिक आपसी विश्वास बढ़ाना चाहिए: वांग
सोमवार को हुई बैठक में वांग ने डोभाल से कहा कि दोनों पक्षों को रणनीतिक आपसी विश्वास बढ़ाना चाहिए। वांग ने कहा कि दोनों पक्षों को दोनों राष्ट्राध्यक्षों की तरफ से लिए गए रणनीतिक निर्णय का पालन करना चाहिए। इसके तहत स्पष्ट किया जाए कि चीन और भारत कोई खतरा नहीं हैं बल्कि एक-दूसरे के लिए विकास के अवसर प्रदान करते हैं। इसके साथ ही आम सहमति और सहयोग पर ध्यान केंद्रित और बाधाओं को दूर करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि द्विपक्षीय संबंधों को जल्द से जल्द मजबूत और स्थिर विकास की पटरी पर लाना चाहिए। वांग ने जोर देकर कहा कि चीन भारत समेत व्यापक विकासशील देशों के साथ बहुपक्षवाद और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लोकतांत्रिकरण का समर्थन कर अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को अधिक न्यायपूर्ण दिशा की ओर बढ़ाने को तैयार है।
डोभाल ने दिया वांग को जवाब
अजित डोभाल ने कहा कि भारत और चीन के व्यापक साझा हित हैं। वांग यी चीन के पूर्व विदेश मंत्री भी रहे हैं। डोभाल ने कहा कि दोनों पक्षों की नियति निकटता से एक-दूसरे से जुड़ी हुई है। ऐसे में रणनीतिक आपसी विश्वास का पुनर्निर्माण करना और सामान्य विकास की तलाश करना जरूरी है। अजित डोभाल ने वांग को स्पष्ट कर दिया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर (एलएसी) पर स्थिति का समाधान खोजने के लिए भारत, चीन के साथ काम करने को इच्छुक है। डोभाल का बयान अभी भारत की तरफ से जारी नहीं किया गया है। लेकिन चीन के रीडआउट में इसका जिक्र है।