National Handloom Day: PM मोदी बोले- मेक इन इंडिया को बल देने वालों के लिए खादी वस्त्र भी है और अस्त्र भी

National Handloom Day: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली के प्रगति मैदान पहुंचे। जहां उन्‍होंने भारत मंडपम में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह में हिस्‍सा लिया। इसके साथ ही पीएम मोदी विभिन्न कारीगरों, हथकरघा और खादी बुनकरों के साथ बातचीत भी की। वहीं, इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने ‘भारतीय वस्त्र एवं शिल्प कोष’  के ई-पोर्टल को लॉन्च किया। आपको बता दें कि नई दिल्‍ली के प्रगति मैदान के भारत मंडपम में आज 9वां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जा रहा है। जिससे की बुनकरों और शिल्पकारों को महत्त्व दिया जा सके।

इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि कुछ दिन पहले भारत मंडपम का भव्य लोकार्पण किया गया है और आज हम इस भारत मंडपम में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मना रहे हैं। भारत मंडपम की इस भव्यता में भी भारत के हथकरघा उद्योग की अहम भूमिका है। पुरातन का नूतन से यही संगम आज के भारत को परिभाषित करता है।

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आज आजादी के बलिदान को याद करनें का दिन है: पीएम मोदी

उन्‍होंने कहा कि ये समय आजादी के लिए दिए गए हर बलिदान को याद करने का है। आज के दिन ‘स्वदेशी आंदोलन’ की शुरूआत हुई थी। स्वदेशी का ये भाव सिर्फ विदेशी कपड़े के बहिष्कार तक ही सीमित नहीं था, बल्कि ये हमारी आर्थिक आजादी का बहुत बड़ा प्रेरक था। ये भारत के लोगों को अपने बुनकरों से भी जोड़ने का अभियान था। हमारे परिधान, हमारा पहनावा हमारी पहचान से जुड़ा रहा है। देश के दूर-सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी साथियों से लेकर बर्फ से ढके पहाड़ों तक, मरुस्थल से लेकर समुद्री विस्तार और भारत के मैदानों तक, परिधानों का एक खूबसूरत इंद्रधनुष हमारे पास है।

ग्लोबल प्लेटफॉर्म प्रदान कर रहा भारत

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज का भारत सिर्फ ‘वोकल फॉर लोकल’ तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसे ग्लोबल प्लेटफॉर्म भी प्रदान कर रहा है! पहले मन की बात एपिसोड के बाद से खादी पर जोर दिया गया है, और आज हम सभी दुनिया भर में इसकी शानदार यात्रा के प्रमाण के रूप में खड़े हैं। ये भी दुर्भाग्य रहा है कि जो वस्त्र उद्योग पिछली शताब्दियों में इतना ताकतवर था, उसे आजादी के बाद फिर से सशक्त करने पर उतना जोर नहीं दिया गया। हालात तो ये थी कि खादी को भी मरणासन्न स्थिति में छोड़ दिया गया था। लोग खादी पहनने वालों को हीन भावना से देखने लगे थे। 2014 से हमारी सरकार इस स्थिति और सोच को बदलने में जुटी है।

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खादी वस्त्र भी है और अस्त्र भी
पीएम मोदी ने कहा कि जो स्वाभिमानी होगा, जिसे स्वदेश पर अभिमान होगा, उसके लिए खादी वस्त्र है। लेकिन जो आत्मनिर्भर भारत के सपने बुनता है, जो मेक इन इंडिया को बल देता है, उसके लिए ये खादी वस्त्र भी है और अस्त्र भी है। 9 अगस्त को पूज्य बापू के नेतृत्व में क्विट इंडिया आंदोलन शुरू हुआ था। पूज्य बापू ने अंग्रेजों को साफ-साफ कह दिया था क्विट इंडिया और अंग्रेजों को भारत छोड़ना ही पड़ा था। जो मंत्र अंग्रेजों को खदेड़ सकता था, वह मंत्र हमारे यहां भी ऐसे तत्वों को खदेड़ने का कारण बन सकता है। आज ‘Vocal for Local’ की भावना के साथ देशवासी स्वदेशी उत्पादों को हाथों-हाथ खरीद रहे हैं, ये एक जनआंदोलन बन गया है। आने वाले दिनों में रक्षाबंधन का पर्व आने वाला हैं, गणेश उत्सव आ रहा है, दशहरा, दीपावली, दुर्गापूजा… इन पर्वों पर हमें अपने स्वदेशी के संकल्प को दोहराना ही है।

सबको करना होगा एकनिष्ठ प्रयास
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि टेक्सटाइल सेक्टर से जुड़ी जो परंपराएं हैं, वे ना सिर्फ ज़िंदा रहें, बल्कि नए अवतार में दुनिया को आकर्षित करें। इसलिए हम इस काम से जुड़े साथियों की पढ़ाई, प्रशिक्षण और कमाई पर बल दे रहे हैं। हम बुनकरों, हस्तशिल्पियों के बच्चों की आकांक्षा को उड़ान देना चाहते हैं। आज वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना के तहत हर जिले में वहां के खास उत्पादों को प्रमोट किया जा रहा है। देश के रेलवे स्टेशनों पर भी ऐसे उत्पादों की बिक्री के लिए विशेष स्टॉल बनाए जा रहे हैं। हम अपने हैंडलूम, खादी, टेक्सटाइल को वर्ल्ड चैंपियन बनाना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए सबका प्रयास जरूरी है। श्रमिक हो, बुनकर हो, डिजाइनर हो या इंडस्ट्री, सबको एकनिष्ठ प्रयास करने होंगे। श्री अन्न हो, handloom के प्रोडक्ट हो… अब ये बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनियां उन्हें दुनियाभर के बाजारों में लेकर जाएंगी। यानी, प्रोडक्ट भारत का होगा, भारत में बना होगा, भारत के लोगों के पसीने की उसमें महक होगी और सप्लाई चेन इन मल्टीनेशनल कंपनियों की इस्तेमाल होगी।

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